17 नवंबर 2009
दो माह बाद नई फसल आने पर ही मिलेगी महंगी दालों से राहत
घरेलू पैदावार में कमी के अलावा आयातित दालें भी महंगी होने से उपभोक्ताओं को फिलहाल मूल्य में कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं। कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में देश में दालों की पैदावार घटकर 44.2 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2008-09 के खरीफ सीजन में 47.8 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। घरेलू पैदावार में कमी के कारण भारत से मांग निकलने की उम्मीद में विदेशी बाजार में भी दाम तेज बने हुए हैं। घरेलू बाजार में अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर में, उड़द की फसल की आवक फरवरी में शुरू होगी। म्यांमार में उड़द की नई फसल की आवक मार्च में होगी। देश में मूंग पेड़ीसेवा नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में बनेगी। ऐसे में अगले डेढ़-दो महीने तक दलहन की कीमतों में नरमी आने की संभावना नहीं है।ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के प्रोपराइटर सी. एस. नादर ने बताया कि प्रतिकूल मौसम से चालू खरीफ सीजन में घरेलू उत्पादन घटने से विदेशी बाजार में भाव तेज हो गए हैं। पिछले दस-बारह दिनों में आयातित उड़द की कीमत में करीब 400 रुपये की तेजी आकर मुंबई पहुंच भाव 5350-5400 रुपये और देसी उड़द के भाव 5500- 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मूंग पेड़ीसेवा की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आकर मुंबई में भाव 6200 रुपये और देसी मूंग के जलगांव में 6000 से 6600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। म्यांमार की लेमन अरहर के दाम मुंबई में 5550-5650 रुपये और देसी अरहर के 5700-5800 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे। फुटकर बाजार में अरहर दाल के दाम 90 रुपये, उड़द दाल के 73 से 75 रुपये और मूंग दाल के 79 से 82 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि घरेलू मंडियों में अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर महीने में शुरू होगी। जनवरी में आवक का दबाव बनने पर इसकी कीमत में गिरावट की संभावना है। उड़द की आंध्र प्रदेश में नई फसल की आवक फरवरी में बनेगी तथा मार्च में म्यांमार की नई फसल आ जाएगी। जबकि मूंग पेड़ीसेवा की नई फसल जनवरी-फरवरीमहीने में तैयार होगी। ऐसे में आगामी डेढ़-दो महीने तक दालों के भाव मजबूत रहने की संभावना है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आरंभिक अनुमान के मुताबिक चालू खरीद में मूंग का उत्पादन घटकर 5.2 लाख टन ही रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2008-09 में इसका उत्पादन 7.7 लाख टन रहा था। लेकिन उड़द के उत्पादन का अनुमान 8.8 लाख टन का है जबकि वर्ष 2008-09 में 8.3 लाख टन का हुआ था। इसी तरह से अरहर का उत्पादन 23.1 लाख टन से बढ़कर 24.7 लाख टन होने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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