खाद्य पदार्थो की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बिचौलियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिचौलियों द्वारा ज्यादा मुनाफा कमाने की वजह से ही महंगाई बेकाबू हो रही है। उनके मुताबिक इन मध्यस्थों के कारण ही उपभोक्ता मूल्य और किसानों को मिलने वाली कीमत में काफी अंतर हो गया है। कृषि बाजार में प्रतिस्पर्धा न होने की वजह से ऐसा हो रहा है। राज्य सरकारों का जिम्मा है कि वे स्टॉक लिमिट व अन्य उपायों को अपनाकर महंगाई कम करें, मगर वे भी अपना दायित्व पूरा नहीं कर पा रही हैं।
प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से कंपटीशन, पब्लिक पॉलिसी एंड कॉमन मैन विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रणब ने कहा कि भारत का कृषि बाजार अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया है। अब भी उपभोक्ताओं द्वारा चुकाए जाने वाले दाम और किसानों को मिलने वाली कीमत में काफी अंतर है। ऐसे में भारतीय कृषि बाजार को और ज्यादा प्रतिस्पद्र्धी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों और उपभोक्ताओं के बीच में जो कड़ी हैं उसमें प्रतिस्पर्धा का अभाव है। कृषि बाजार संबंधी नीतियों में बदलाव और नए उत्पाद लाने से ही प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा और किसानों और उपभोक्ताओं को फायदा मिल सकेगा।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की वकालत करते हुए प्रणब ने कहा कि इससे कई स्तर पर लगने वाली लेवी के दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकेगा। जीएसटी से बाजार में कम टैक्स दरों पर सामान और सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने वित्तीय घाटे के बढ़ने पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि इससे निजी क्षेत्र के लिए कम संसाधन उपलब्ध होंगे। (बिज़नस भास्कर)
17 नवंबर 2009
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