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11 मार्च 2010

आम की बंपर पैदावार होने के पूर आसार

इस साल उपभोक्ताओं को सस्ते आम सुलभ होने के पूर आसार हैं क्योंकि उत्पादन चक्र के अनुसार नया सीजन बेहतर पैदावार का वर्ष होगा। इसके अलावा चालू सीजन में मौसम भी अनुकूल है। इस वजह से आम की पैदावार बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में आम की पैदावार सबसे ज्यादा बढ़ सकती है। पैदावार बढ़ने से उत्पादकों को भी ज्यादा फायदा होने की संभावना है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि इस बार मौसम अनुकूल रहने के कारण आम की फसल पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। हालांकि महाराष्ट्र में अल्फांसों आम की फसल को जरूर थोड़ा नुकसान है, लेकिन कुल पैदावार पिछले साल से अधिक होने की उम्मीद है। आम की पैदावार में बढ़ोतरी के बार में विजय कुमार का कहना है कि दक्षिण भारत मंे पिछले साल करीब 20-25 फीसदी अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में इन दिनों पेड़ो पर बौर (मंजरी) आ रही है। इस वजह से फिलहाल अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा। यूपी आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इंसराम अली का कहना है कि इस बार आम के पेड़ों में काफी अच्छी बौर आ रही है। इसे देखते हुए इस साल उत्तर प्रदेश में आम की बंपर पैदावार होने की संभावना है। पिछले साल के मुकाबले आम की पैदावार दो से तीन गुना अधिक हो सकती है। आम की पैदावार बढ़ने की एक अन्य वजह उत्पादन चक्र है। आम की फसल के लिए चालू सीजन फलत वर्ष होगा। इस वजह से आम की पैदावार बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश बागवानी विभाग के मुख्य उद्यान विशेषज्ञ भानुप्रकाश राम का कहना है कि आम के फसल चक्र में हर एक साल क्रमश: फलत और अफलत वर्ष आता है। पिछला सीजन आम का अफलत वर्ष था। जिससे आम की पैदावार घटी थी, लेकिन इस बार फलत वर्ष होने के कारण इसमें इजाफा हो सकता है। पिछले साल उत्तर प्रदेश सहित अन्य आम उत्पादक राज्यों में प्रतिकूल मौसम की वजह से पैदावार में गिरावट आई थी। इस वजह से आम के दाम उससे पूर्व के मुकाबले 60त्न तक ऊंचे रहे थे। देश में सबसे अधिक आम की पैदावार यूपी में होती है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व गुजरात प्रमुख आम उत्पादक राज्य हैं। एनएचबी के आंकडों के अनुसार 2008-09 में करीब 127 लाख टन आम का उत्पादन हुआ था।(बिज़नस भास्कर)

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