23 मार्च 2010
अनुकूल मौसम से लीची उत्पादन बढ़ने का अनुमान
मौसम अनुकूल रहने की वजह से इस बार लीची के उत्पादन में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसके कारण इस साल गर्मियों में लीची सस्ते मूल्य पर सुलभ होने की संभावना है।लीची उत्पादन में बिहार सबसे बड़ा राज्य है। बिहार स्थित मुजफ्फरपुर के लीची अनुसंधान संस्थान के डायरक्टर के। के. कुमार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि पिछले साल अच्छी बारिश होने की वजह से लीची में इस बार फ्लावरिंग (फूल आना) अच्छी रही। साथ ही अभी तक तापमान भी लीची की फसल के लिए अनुकूल रहा है। यही कारण है कि बिहार में इस साल लीची का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी तक अधिक होने की संभावना है। राज्य में करीब दो लाख टन लीची का उत्पादन हो सकता है। देश में लीची के कुल उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सेदारी बिहार की है। बिहार की शाही लीची की विदेशों में भी काफी मांग रहती है।उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लीची उत्पादक आर.एस. रंधावा का कहना है कि इस बार मौसम लीची के अनुकूल रहा है। इस वजह से राज्य के लीची उत्पादन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। उनके मुताबिक लीची क्वालिटी पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर रहने वाली है जो कि उत्पादक और उपभोक्ता दोनो के लिए अच्छी बात है। उत्तराखंड की रोजसेंटेड किस्म की लीची ज्यादा मशहूर है। उत्पादन बढ़ने की वजह से ग्राहकों को राहत मिल सकती है। रंधावा के अनुसार पिछले साल के मुकाबले लीची के दाम 15 फीसदी तक कम रह सकते है। गौरतलब है कि पिछले साल मौसम प्रतिकूल रहने की वजह से देश में इसके उत्पादन में 20 फीसदी की कमी आई थी। पिछले साल देश में करीब 3.36 लाख टन लीची का उत्पादन हुआ था। सबसे अधिक 50 फीसदी कमी बिहार में आई थी। उत्पादन घटने की वजह से लीची की कीमतांे में भारी इजाफा हुआ था। पिछले साल देश में इसके भाव 50-60 रुपये प्रति किलो थे। देश में लीची की पैदावार बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल, पश्चिम बंगाल है। भारत का लीची उत्पादन और उत्पादकता दोनों के मामले में विश्व में दूसरा स्थान है। भारतीय लीची के प्रमुख आयातक देश नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कनाडा, रूस, यमन और लेबनान है। पिछले साल उत्पादन में कमी की वजह से लीची के निर्यात में भारी गिरावट आई थी। (बिज़नस भास्कर)
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