भुवनेश्वर March 22, 2010
एल्युमीनियम क्षेत्र में सहायक और छोटी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए उड़ीसा सरकार ने राज्य में एल्युमीनियम उत्पादों पर 4 प्रतिशत का मामूली मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाने का फैसला किया है।
जहां कुछ उत्पादों पर 4 प्रतिशत वैट लगता था, वहीं अन्य कुछ वस्तुओं पर 12.5 प्रतिशत तक वैट था। इसके चलते कैबिनेट ने फैसला किया कि यह दरें 4 प्रतिशत के हिसाब से एकसमान हों। यह राज्य में बिकने वाली सभी श्रेणी के उत्पादों के लिए लागू होगा।
वित्त सचिव जेके महापात्रा ने कहा कि मिलिट्री कैंटीनों में आने वाले सामानों पर लगने वाले प्रवेश शुल्क को खत्म कर दिया गया है। इसी तरह से पुराने टायर, पुराने वाहनों, तारपोलीन, प्लास्टिक फुटवीयर, एटीएफ पर भी कर कम रखा गया है।
पड़ोसी राज्यों में लगने वाले करों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने वित्त मंत्रालय के पुराने टायरों की बिक्री पर वैट में कमी करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। यह 12.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है।
साथ ही पुरानी कारों पर कर 12.5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। मारुति उद्योग लिमिटेड ने उड़ीसा सरकार से पुरानी कारों की बिक्री पर वैट में कमी किए जाने की मांग की थी। इसी तरह से तारपोलीन पर कर घटाकर 4 प्रतिशत और 400 रुपये से कम दाम के फुटवीयर पर कर 4 प्रतिशत रखा गया है।
साथ ही एटीएफ पर 4 प्रतिशत वैट दर उन विमानों तक ही सीमित रखा गया है, जिनका वजह अधिकतम 40,000 किलोग्राम होगा। सरकार ने महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को राहत देते हुए आयातित चीनी पर लगने वाले 4 प्रतिशत वैट को खत्म कर दिया है। यह तीन महीने यानी अप्रैल-जून 2010 तक प्रभावी रहेगा। (बीएस हिंदी)
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