26 मार्च 2010
मक्का का निर्यात रह गया सिर्फ एक तिहाई
पिछले अक्टूबर से शुरू मौजूदा सीजन में देश से मक्का का निर्यात घटकर सिर्फ एक तिहाई रह गया। अब तक सिर्फ चार लाख टन मक्का का निर्यात हो पाया जबकि पिछले साल अक्टूबर से 23 मार्च तक 12 लाख टन मक्का का निर्यात हो गया था। एक विशेषज्ञ के अनुसार घरेलू बाजार में मक्का के दाम विदेश से ऊंचे हैं, इसलिए निर्यात बेपड़ता हो गया है। देश में पिछले सीजन में मानसून हल्का रहने के कारण उत्पादन घट गया था। इसी वजह से मक्का के दाम घरेलू बाजार में ऊंचे चल रहे हैं। मक्का की हल्की सप्लाई होने के कारण पोल्ट्री उद्योग की मांग भी बढ़ गई है। ऑल इंडिया स्टार्च मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल एस। सेठ का कहना है कि भारत से मक्का का निर्यात लगभग ठप ही है क्योंकि घरेलू बाजार में सप्लाई खपत के लिए पर्याप्त नहीं है। सरकारी अनुमान के अनुसार मौजूदा सीजन में 173 लाख टन मक्का का उत्पादन हुआ जबकि पिछले साल 197.3 लाख टन मक्का का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2008-09 के दौरान भारत से 24 लाख टन मक्का का निर्यात किया गया था।सेठ ने बताया कि निर्यात के लिए आवश्यक गुणत्ता के मक्का की किल्लत ज्यादा है। कर्नाटक में बारिश होने के कारण फसल को नुकसान हुआ था। कारोबारी आंकड़ों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मक्का के दाम घटकर 230 डॉलर प्रति टन रह जाने के बावजूद निर्यात नहीं हो रहा है। अमेरिकी मक्का विश्व बाजार में 236 डॉलर प्रति टन के स्तर पर बिक रहा है। कर्वी कॉमट्रेड के विश्लेषक वीरश हिरमथ के अनुसार विदेशी खरीदार भारतीय मक्का आयात करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि घरेलू कारोबारी अच्छी क्वालिटी के मक्का की बड़ी मात्रा में खेप भेजने में असमर्थ हैं। भारत से सामान्यतया दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों को मक्का निर्यात किया जाता है। इस समय हाजिर बाजार में मक्का के दाम पिछले साल के मुकाबले 16 फीसदी ऊपर 930 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। (बिज़नस भास्कर)
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