मुंबई March 25, 2010
कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि भारत जैव ईंधन के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के पक्ष में है, लेकिन यह खाद्य सुरक्षा की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
जैव ईंधन के निर्माण में खाद्य उत्पादों के बजाए कृषि अवशेषों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। रूस में 25 मार्च से ब्रिक देशों यानी ब्राजील, रूस, चीन और भारत के कृषि मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक होने जा रही है।
उम्मीद है कि इस बैठक में चारों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रस्तावित मसौदे पर फैसला लिया जाएगा। कृषि उत्पादन बढ़ाने और जैव ईंधन को प्रोत्साहन देने के लिए तकनीकी सहयोग के साथ-साथ तापमान में बदलाव और खाद्य सुरक्षा पर भी सहयोग के लिए बातचीत होगी।
पवार ने कहा, 'भारत जीवाश्म ईंधन के ज्यादा इस्तेमाल को कम करने के लिए जैव ईंधन के पक्ष में है, लेकिन सरकार का इस बारे में बिल्कुल साफ मत है कि यह खाद्य सुरक्षा की कीमत पर नहीं होना चाहिए। मतलब यह कि खाद्य उत्पादों के बजाए कृषि अवशेषों से जैव ईंधन के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।'
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार बुधवार दोपहर रूस के लिए निकले। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'खाद्य सुरक्षा के मसले पर प्रस्तावित सहयोग के लिए चारों देशों के कृषि मंत्रियों के बीच एकमत बनने की उम्मीद है। बदलते मौसम के खास तौर से कृषि पर असर और कृषि उत्पादका और उत्पादन बढ़ाने को लेकर सहयोग पर फैसले लिए जाएंगे।'
पवार ने बताया कि इस बैठक में विश्व व्यापार संगठन के दोहा सम्मेलन के सफल नतीजों पर भी चर्चा की जाएगी। ब्रिक देश अपने मत पर लंबे समय से कायम हैं कि संरक्षणवाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा, 'हम कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे भारी सब्सिडी को कम करने के लिए व्यापार संघ की दोहा बैठक के नतीजों को बढ़ावा देने पर बात करेंगे।'
पवार ने कहा, 'ब्रिक देशों के कृषि मंत्री वैश्विक खाद्य संकट से निकलने के लिए अपने-अपने प्रयासों को लेकर कटिबद्धता को फिर नया करेंगे। रूस और ब्राजील के बड़े भू-भाग और भारत और चीन के तकनीकी कुशलता की मदद से यह संभव है। इस बैठक में खास तौर से खाद्य सुरक्षा पर सहयोग के मसौदे को पास किए जाएगा।'
रूस रवानगी से पहले पवार ने कहा
आज से रूस में ब्राजील, चीन, रूस एवं भारत के कृषि मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक शुरूकृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ जैव ईंधन के प्रोत्साहन पर बातचीतभारत जैव ईंधन के लिए कृषि अवशेषों को बढ़ावा देने के पक्ष में (बीएस हिंदी)
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