नई दिल्ली March 19, 2010
मक्के की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात एवं अन्य कई राज्यों की मंडियों में मक्के के भाव अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नीचे चल रहे हैं।
महाराष्ट्र में तो मक्के की औसत की कीमत एमएसपी के 50 रुपये प्रति क्विंटल कम चल रही है। कर्नाटक में भी कमोबेश यही हाल है और यहां मक्के की कीमत एमएसपी या फिर उससे 20-30 रुपये प्रति क्विंटल कम बतायी जा रही है। मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य फिलहाल 840 रुपये प्रति क्विंटल है।
कृषि उपज विपणन परिषद (एपीएमसी) के मुताबिक महाराष्ट्र की चालीसगांव मंडी में मक्के की कीमत 790 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है। वहीं कर्नाटक की हनगल एवं होनाली मंडी में मक्के के भाव क्रमश: 770 व 820 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
निप्पानी में यह कीमत 840 रुपये प्रति क्विंटल है तो चल्लाकेरे में 800 रुपये प्रति क्विंटल। जानवरों के खिलाए जाने के लिए मक्के से बने दाना के विक्रेताओं के मुताबिक दाने की कीमत लगातार बढ़ रही है। इसमें कोई गिरावट नहीं है, लेकिन मंडियों में मक्के के भाव नहीं बढ़ रहे हैं।
कारोबारी इस बात को स्वीकारते हैं कि मंडी में कम कीमत का सीधा नुकसान किसानों को होता है। एमएसपी से कम कीमत मिलने पर किसान का रुख अन्य फसल की ओर हो जाएगा और मक्के के उत्पादन में कमी आएगी जिससे जानवरों के खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी। कारोबारी कहते हैं कि ऐसा भी नहीं है कि मक्के के उत्पादन में बंपर बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मक्के का उत्पादन खरीफ एवं रबी दोनों सीजन में होता है और निम्न आय वर्ग के लोग मक्के का इस्तेमाल अपने खाने में भी करते हैं। ऐसे में इसकी कीमत में अच्छी खासी बढ़त दर्ज होनी चाहिए, लेकिन मक्के के साथ इसका उल्टा हो रहा है।
जिन राज्यों में मक्के की बिक्री एमएसपी से ऊपर की कीमत पर हो रही है वहां भी किसानों को कोई खास दाम नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में मक्के के भाव 900-950 रुपये प्रति क्विंटल तक बताए जा रहे हैं। (बीएस हिंदी)
20 मार्च 2010
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