नई दिल्ली/भोपाल March 25, 2010
मध्य प्रदेश में 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू होने के बाद से अब तक एक लाख 25 हजार टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री पारस जैन ने विभाग की सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि 35 लाख टन खरीद के लक्ष्य को पाने के लिए सारे जरूरी इंतजाम करने के साथ ही खरीद की पूरी प्रक्रिया पर पैनी नजर भी रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस काम में बिचौलियों का दखल होने नहीं देगी और इसलिए उन्हें रोड़ा नहीं बनने दिया जाएगा। अगर सरकारी अमला कोई कोताही बरतेगा है तो सख्त कार्रवाई से बच नहीं पाएगा। राज्य मंत्री ने सदस्यों के इस सुझाव पर रजामंदी जताई कि खरीदे जा रहे गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित होनी चाहिए।
सदस्यों के सुझाव के परिप्रेक्ष्य में ही जैन ने उन्हें यह बताया कि सिर्फ किसानों और वह भी प्रदेश के किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो भंडारण के लिए निजी गोदामों को भी किराए पर लिया जा सकेगा पर फिलहाल भंडारण के पर्याप्त इंतजाम है।
जैन ने सदस्यों के इस सुझाव को भी माना कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और उपार्जन आदि के कार्यो में कोताही करने वाल कर्मचारियों के खिलाफ जांच का जिम्मा विभागीय अफसरों को न सौंपकर अन्य विभागों के अफसरों को दिया जाना चाहिए। जैन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली सुधार और इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस तैयार कर बांटे जाने वाले राशन कार्डों की जानकारी भी इस मौके पर दी।
मध्य प्रदेश के बानापुर मंडी में रोजाना 700 क्विंटल के आसपास गेहूं की आवक हो रही है और किसानों से इसकी खरीदारी 1200 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर की जा रही है। दूसरी तरफ देश के कई राज्यों में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1080 रुपये प्रति क्विंटल से कम कीमत पर इसकी खरीदारी की खबर मिल रही है।
उत्तर प्रदेश की चार मंडियों में गेहूं की बिक्री 1080 रुपये प्रति क्विंटल से कम कीमत प र हो रही है। इनमें मुख्य रूप से जालौन, कदौरा एवं माधोगढ़ शामिल है। पश्चिम बंगाल की कालीगंज एवं समसी मंडी में गेहूं की बिक्री 900-950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रही है। राजस्थान की नोखा, सीकार एवं सुजानगढ़ मंडी में भी गेहूं की कीमत एमएसपी से कम बतायी जा रही है। (बीएस हिंदी)
26 मार्च 2010
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