नई दिल्ली March 26, 2010
बिहार के मक्के में दाने नहीं आने से मक्के की कीमत में थोड़ी मजबूती दर्ज की गई है।
15 दिन पहले तक जिन राज्यों में मक्के की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चली गई थी वहां अब मक्के की कीमत 900 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बताई जा रही है। दूसरी तरफ बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मक्का किसानों को प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
हालांकि किसानों का कहना है कि एक तो इतनी राशि पर्याप्त नहीं है और दूसरी बात कि यह राशि कब मिलेगी, इस बात की कोई घोषणा नहीं की गई है। रबी के दौरान बिहार में मक्के की खेती व्यापक रूप से की जाती है। इस साल बिहार में 3.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की खेती की गई थी। इनमें से 60 हजार हेक्टेयर में उगाए गए मक्के में दाने नहीं आए।
इस प्रकार की शिकायत मुख्य रूप से बिहार के कटिहार इलाके से मिल रही है। बिहार सरकार ने मक्के में दाने नहीं होने की जांच राजेंद्र कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों से कराई है। वैज्ञानिकों ने सरकार को बताया है कि मक्के के बीज में गड़बड़ी होने के कारण दाने नहीं आए। अब सरकार बीज देने वाली कंपनियों से जवाब-तलब कर रही है।
बिहार सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि मक्के की फसल खराब होने की वजह कटिहार के एक किसान ने आत्महत्या की है। बिहार सरकार ने ऐलान किया है कि प्रभावित किसानों को 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की मुआवजा राशि दी जाएगी ताकि अगली फसल के लिए उनकी पूंजी बरकरार रहे। लेकिन किसानों की दलील है कि यह राशि लागत के लिहाज से कम है।
उनका कहना है कि सरकार अगली फसल के लिए राशि दे रही है, लेकिन मक्के से होने वाली कमाई के नुकसान की भरपाई कौन करेगा। बिहार में रबी के दौरान मक्के की पर्याप्त खेती होती है। इस दौरान बिहार की मक्का फसल से देश भर में मक्के की कीमत प्रभावित होती है। बिहार की फसल खराब होने से अन्य राज्यों की मंडियों में भी मक्के की हाजिर कीमत थोड़ी मजबूत हुई है।
उत्तर प्रदेश में मक्के की कीमत 980-990 रुपये प्रति क्विंटल बताई जा रही है। वहीं राजस्थान में मक्के की कीमत तेजी के साथ 950-1040 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। रबी के दौरान आंध्र प्रदेश में भी मक्के की खेती होती है और यहां मक्के के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 840 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है। 10 दिन पहले यहां मक्के की कीमत समर्थन मूल्य से नीचे चल रही थी। (बीएस हिंदी)
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