26 मार्च 2010
और घट सकते हैं चीनी के दाम
पिछले ढाई महीने में चीनी की कीमतों में 28 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली के थोक बाजार में सात जनवरी को चीनी का भाव 4450 रुपये प्रति क्विंटल था, जो मंगलवार को घटकर 3200 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। अभी इसमें करीब 200 रुपये की और गिरावट आने से भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक आ सकते हैं। विदेशी बाजार में रॉ शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) के दाम पिछले दो महीने में लगभग 42 फीसदी घट चुके है। दिल्ली के एक चीनी कारोबारी के मुताबिक सात जनवरी को दिल्ली थोक बाजार में चीनी के दाम बढ़कर 4450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। जबकि मंगलवार को दाम घटकर 3200 रुपये रह गए। इन भावों में भी खरीददार नहीं मिल रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में इसके दाम घटकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीचे जाने की संभावना है। चीनी की मांग जहां कमजोर चल रही है, वहीं स्टॉकिस्टों की बिकवाली का दबाव है। उपभोक्ता उद्योग जैसे कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट व कन्फेक्शनरी निर्माता कंपनियां 10 दिन की खपत से ज्यादा चीनी का स्टॉक नहीं कर सकती हैं। इस वजह से चीनी की मांग कमजोर है। व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट होने के कारण बिकवाली का दबाव है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतें पिछले ढाई महीने में 1200 रुपये प्रति क्विंटल घट चुकी हैं। जनवरी के प्रथम सप्ताह में एक्स-फैक्ट्री भाव 4300 रुपये प्रति क्विंटल थे, जो मंगलवार को घटकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उधर महाराष्ट्र की मिलों के भाव भी घटकर मंगलवार को 2950-3000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चीनी निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बड़े उपभोक्ताओं पर स्टॉक समय सीमा घटाने और विदेशी बाजार में दाम घटने से घरलू बाजार में चीनी की कीमतें गिरी हैं। विदेशी बाजार में एक फरवरी को रॉ शुगर के दाम बढ़कर 30.4 सेंट प्रति पांउड के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे, जो घटकर मंगलवार को 17.40 सेंट प्रति पाउंड पर आ गए। इसी तरह से व्हाइट शुगर के दाम भी 780 डॉलर प्रति टन से घटकर 493 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 56 लाख टन रॉ शुगर और 13 लाख टन व्हाइट शुगर के आयात सौदे हो चुके हैं। इसमें से 46 लाख टन रॉ शुगर और 7.5 लाख टन व्हाइट चीनी भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुकी है। विदेशी बाजार में कीमतों में गिरावट बनी होने के कारण भारतीय आयातक नए आयात सौदे नहीं कर रहे हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिलें किसानों से 260-280 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीद कर रही लेकिन घरलू बाजार में चीनी की कीमतों में आई भारी गिरावट से मिलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में देश में 168.45 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। सात मार्च तक देश में 143.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के 129.50 लाख टन से 11 फीसदी ज्यादा है।rana@businessbhaskar.netबात पते कीचीनी की मांग जहां कमजोर चल रही है, वहीं स्टॉकिस्टों की बिकवाली का दबाव है। उपभोक्ता उद्योग 10 दिन की खपत से ज्यादा चीनी का स्टॉक नहीं कर सकती हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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