मुंबई March 19, 2010
खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के अंतर्गत एनएसईएल के जरिए पहली बार गेहूं बेचने का अनुभव भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को काफी रास आया है।
एफसीआई गेहूं की दूसरी खेप अगले हफ्ते की शुरुआत में ही उतारने का मन बना रहा है। फाइनैंशियल टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रवर्तित हाजिर जिंस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) की योजना अगले हफ्ते की शुरुआत में ज्यादा मात्रा में एफसीआई गेहूं की नीलामी करने की है। पहली नीलामी 16 मार्च को दिल्ली के 3 केंद्रों (मायापुरी, नरेला और घेवरा) में हुई।
इसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली और एनएसईएल ने प्रीमियम के बावजूद 1200 टन गेहूं की बिक्री की। एनएसईएल के प्रबंध निदेशक अंजनी सिन्हा का कहना है कि उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन संतोषजनक रहा क्योंकि हाजिर कीमतों की तुलना में ऑनलाइन नीलामी में ज्यादा कीमत रही।
गेहूं की फेयर एवरेज क्वॉलिटी (एफएक्यू) का कारोबार नीलामी के 1244 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले हाजिर बाजार में 1225 रुपये प्रति क्विंटल पर होता है। 31 मार्च तक एनएसईएल अधिकतम 3 नीलामी कराएगा।
अगले सीजन तक के लिए एफसीआई ने दो निजी हाजिर कमोडिटी एक्सचेंज को एजेंसी के गेहूं की बिक्री की मंजूरी दे दी थी। हरेक निजी हाजिर जिंस एक्सचेंज को 31 मार्च तक 15,000 टन तक की बिक्री करनी थी।
एनएसईएल ने अपने पहले चरण की नीलामी की है जबकि नैशनल कमोडिटी एवं डेरिवेटिव एक्सचेंज प्रवर्तित एनसीडीईएक्स स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड ने अनुबंध नोट की कुछ शर्तो में बदलाव की कोशिश की है। एक एक्सचेंज के अधिकारी का कहना है कि सरकार के दिशानिर्देश में बदलाव से काफी वक्त जाया होता है। लेकिन अगर बिक्री की अवधि 31 मार्च से ज्यादा नहीं बढ़ाई जाती है तो वे हाथ से मौका नहीं जाने देना चाहते।
एनसीडीईएक्स स्पॉट एक्सचेंज 'असीमित जिम्मेदारियों के शर्त' से इत्तेफाक नहीं रखता है, जिसकी वजह से एक्सचेंज के अधिकारियों का मानना है कि इससे भविष्य की कारोबारी दिलचस्पी पर असर पड़ सकता है। लेकिन एक्सचेंज सभी दूसरी जरूरी चीजों के साथ तैयार होगा।
खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने पहले से ही सरकारी और निजी एजेंसियों के पास पर्याप्त भंडारण सुविधा के अभाव की ओर इशारा किया था। ऐसे में किसान जल्दीबाजी में बिक्री करते हैं जिससे उन्हें ऐसे संवेदनशील जिंस के लिए कम वसूली मिलती है। (बीएस हिंदी)
20 मार्च 2010
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