अहमदाबाद March 19, 2010
देश के लोकप्रिय ब्रांड अमूल के तहत दूध और दूध उत्पाद उतारने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) का अनुमान है कि 2009-10 में दूध हासिल कर पाने की औसत वृद्धि दर पिछले सालों के मुकाबले कम रहेगी।
महासंघ के अधिकारियों के मुताबिक इस साल अनियमित बारिश और पशु चारे का महंगा होना इसकी प्रमुख वजहें हैं। जीसीएमएफ के एक सदस्य संघ का तो मानना है कि 2009-10 में दूध की मात्रा पिछले साल से भी कम रह सकती है।
2007-08 और 2008-09 में प्रति दिन दूध खरीद में अच्छी बढ़त को देखते हुए महासंघ ने इस वित्त वर्ष के लिए औसत दूध खरीद में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ प्रति दिन 90 लाख किलो दूध खरीद का अनुमान लगाया था। 2008-09 में दूध की औसत खरीद में पिछले साल के मुकाबले 14.87 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई।
2008-09 में प्रति दिन 87.19 लाख किलो दुध की खरीद की गई। इसी तरह 2007-08 में दूध खरीद में 12.9 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई और प्रति दिन की औसत खरीद 75.90 लाख किलो रही। इससे पहले 2006-07 में औसत दूध प्राप्ति में महज 4.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। इस साल प्रति तदिन दूध खरीद 67.25 लाख किलो रही थी।
जीसीएमएमएफ के एक उच्चाधिकारी ने बताया, 'इस वित्त वर्ष में कई जिलों में दूध खरीद घटी है जिसका असर औसत वृद्धि दर पर हुआ है। हालांकि दूध प्राप्ति पिछले साल के 87.19 लाख किलो प्रति दिन के स्तर से नीचे नहीं जाएगी क्योंकि सौराष्ट्र के इलाके में इस साल दूध खरीद बढ़ी है।'
कम बारिश की वजह से पशुओं को भरपूर मात्रा में हरा चारा नहीं दिया जा सका जिससे इस साल दूध उत्पादन कम रहा है। वहीं, चारे के भाव भी 30 फीसदी चढ़ चुके हैं। इसका असर भी दूध उत्पादन पर हो रहा है। (बीएस हिंदी)
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