27 मार्च 2010
फिर बढ़ सकते हैं हल्दी के भाव
मसाला निर्माताओं के साथ-साथ निर्यातकों की मांग अच्छी होने से हल्दी की कीमतों में फिर से तेजी की संभावना है। निवेशकोंे की मुनाफावसूली आने से पिछले चार दिनों में वायदा बाजार में हल्दी की कीमतें 3.2 फीसदी और हाजिर में 7.1 फीसदी घटी हैं। मार्च क्लोजिंग होने के कारण प्रमुख उत्पादक मंडियों में अगले एक सप्ताह तक आवक सीमित मात्रा में ही रहेगी। हालांकि चालू फसल सीजन में देश में हल्दी की पैदावार पिछले साल से 11.6 फीसदी ज्यादा है। लेकिन पैदावार और बकाया स्टॉक को मिलाकर कुल उपलब्धता खपत के लगभग बराबर ही बैठ रही है। इसलिए आगामी दिनों में हल्दी के दामों तेज ही बने रहने के आसार हैं।मुनाफावसूली से वायदा में नरमीनिवेशकों की मुनाफावसूली आने से नेशनल कमोडिटी एंड डेयरव्टिव एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में पिछले चार दिनों में हल्दी के दाम 3.2 फीसदी घटे हैं। 22 मार्च को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी के दाम बढ़कर 11,565 रुपये प्रति `िंटल हो गए थे, जो कि शुक्रवार को घटकर 11,193 रुपये प्रति `िंटल के स्तर पर आ गए। अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में 6,640 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान के अनुसार मार्च क्लोजिंग के कारण अगले एक सप्ताह तक मंडियों में आवक न बराबर रहेगी जिससे निवेशकों की खरीद बढ़ने के आसार हैं। वैसे भी इस समय मसाला निर्माताओं और निर्यातकों की मांग बराबर निकल रही है। ऐसे में आगामी दिनों में हल्दी की कीमतों में तेजी के ही आसार हैं।हाजिर में दाम घटेनिजामाबाद मंडी स्थित मेसर्स मनशाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि पिछले चार दिनों में निजामाबाद मंडी में हल्दी की कीमतों में 500 रुपये और इरोड मंडी में 1000 रुपये प्रति `िंटल की गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को निजामाबाद मंडी में भाव घटकर 12,000 रुपये और इरोड में 13,000 रुपये प्रति `िंटल रह गए। निजामाबाद और इरोड मंडियों में इस समय दैनिक आवक क्रमश: 10 हजार और 20 हजार बोरियों (एक बोरी-70 किलो) की हो रही है जबकि अन्य उत्पादक मंडियों में भी करीब 20 हजार बोरी की आवक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मार्च क्लोजिंग के कारण अगले एक सप्ताह तक मंडियों में कामकाज कम हो जाएगा तथा आवक घट जाएगी। इस दौरान इरोड मंडी तो बंद ही रहेगी। हल्दी में घरलू मसाला निर्माताओं के साथ ही निर्यातकों की मांग बराबर बनी हुई है, जिससे तेजी को बल मिल रहा है।उपलब्धता खपत के बराबरहल्दी मर्चेट्स एसोसिएशन के सचिव आर के विव्श्रनाथन ने बताया कि चालू फसल सीजन में देश में हल्दी की पैदावार पिछले साल के मुकाबले 11.6 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। चालू सीजन में देश में पैदावार बढ़कर 48 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल पैदावार 43 लाख बोरी की ही हुई थी। हालांकि पैदावार तो पिछले साल से पांच लाख बोरी ज्यादा है। लेकिन नई फसल के समय बकाया स्टॉक मात्र तीन लाख बोरियों का ही बचा हुआ है। ऐसे में चालू सीजन में देश में हल्दी की कुल उपलब्धता 51 लाख बोरी की ही बैठेगी। जबकि घरलू खपत और निर्यात को मिलाकर सालाना खपत करीब 50 लाख बोरी होने की संभावना है। ऐसे में आगामी सीजन में नई फसल की आवक के समय बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचेगा। वैसे भी पिछले साल किसानों ने हल्दी का ऊंचा भाव देखा है जिसकी वजह से भाव घटते ही किसानों की बिकवाली कम हो जाती है।अप्रैल में बढ़ेगी आवकबोनांजा कमोडिटी की कमोडिटी विशेषज्ञ रखा मिश्रा ने बताया कि अप्रैल महीने में उत्पादक मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक बढ़कर 80 से 90 हजार बोरियों की जाएगी। लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता से भाव तेज ही बने रहने की संभावना है। इसलिए निवेशकों को मुनाफावसूली से घटे भाव पर खरीद करना ही बेहतर विकल्प है।निर्यात घटाभारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रेल से जनवरी तक हल्दी के निर्यात में 5.2 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान देश से 43,250 टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 45,626 टन का निर्यात हुआ था। अप्रैल-मई में निर्यातकों की मांग अच्छी रहने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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