नई दिल्ली March 30, 2010
कमोडिटी बाजार में गैरकानूनी कारोबार पर रोक लगाने के लिए नियामक इकाई वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने एक्सचेंजों से ऐसे काम में लिप्त ब्रोकरों पर 1-5 लाख रुपये तक का दंड लगाने को कहा है।
यह व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होगी। गैरकानूनी कारोबार के लिए दंड की घोषणा के साथ दूसरे अपराधों के लिए दंड का निर्धारण करते हुए एफएमसी ने सभी कमोडिटी एक्सचेंजों के लिए समान दंड व्यवस्था की भी घोषणा की है।
एफएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एक्सचेंजों द्वारा मान दंड व्यवस्था अपनाए जाने से कारोबारियों के हितों की बेहतर रक्षा की जा सकेगी। जैसा कि पहले गैर कानूनी कारोबार के लिए कोई संगठित दंड व्यवस्था नहीं थी, हमने अपने सदस्यों से ऐसे कारोबार से जुड़े ब्रोकरों पर कम से कम 1 लाख रुपये और ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपये का दंड लगाने को कहा है।'
यह दंड व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू हो रही है। अलग-अलग कमोडिटी एक्सचेंजों की तरफ से एक ही अपराध के लिए अलग-अलग दंड लगाए जाने के प्रचलन को देखते हुए एफएमसी ने समान संगठित दंड व्यवस्था की घोषणा की है। यह भी देखा गया है कि कुछ अपराधों के लिए एक्सचेंज काफी कम दंड ले रहे हैं।
मसलन मौजूदा समय में किसी ग्राहक को एक से ज्यादा पहचान कोड देने पर ब्रोकरों पर एमसीएक्स 10,000 रुपये का अर्थदंड लगा रहा है। वहीं, एनसीडीईएक्स और एनएमसीई में इसी अपराध पर कोई अर्थदंड नहीं है। 1 अप्रैल से इस तरह के मामलों में सभी एक्सचेंजों से 10,000 रुपये प्रति ग्राहक दंड लेने को कहा गया है।
इसी तरह एक ग्राहक की पूंजी का इस्तेमाल दूसरे ग्राहक के अकाउंट में कारोबार के लिए करने पर 25,000 रुपये का एक समान दंड निर्धारित किया गया है। मौजूदा समय में इस अपराध पर 10,000-50,000 रुपये के बीच दंड लगाया जाता है। ग्राहक कोड का सही प्रबंधन न होने पर दंड व्यवस्था 10,000 रुपये प्रति ग्राहक रखी गई है।
एफएमसी के अधिकारी का कहना है, 'एक्सचेंजों में कारोबार को व्यवस्थित करने और जरूरी अर्थदंड तय करने के लिए व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। साथ ही नियामक अव्यवस्था दूर करने के लिए भी यह कदम उठाया गया है।'
मौजूदा समय में 4 राष्ट्रीय स्तर और 19 स्थानीय स्तर के कमोडिटी एक्सचेंजों में कारोबार हो रहा है। 15 फरवरी तक 2009-10 में इन एक्सचेंजों का कुल कारोबार 73,50,974 करोड़ रुपये रहा था। पिछले साल की तुलना में यह 50 फीसदी ज्यादा है। (बीएस हिंदी)
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