लखनऊ March 09, 2010
गन्ने का रकबा घटने के बाद भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों की ओर से खुशखबरी है।
सूबे की चीनी मिलों ने इस साल के निर्धारित लक्ष्य के बराबर चीनी का उत्पादन कर डाला है जबकि अभी भी 67 चीनी मिलों में पेराई का काम चल रहा है। चीनी का उत्पादन बढ़ने के साथ ही खुले बाजार में इसके दामों में गिरावट आनी शुरू हो गयी है।
बीते एक सप्ताह में थोक और खुदरा बाजारों में चीनी की कीमतें 125 रुपये प्रति क्विंटल गिरी हैं। व्यापारियों का कहना है कि चीनी के दाम अभी और भी नीचे जा सकते हैं। इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के बाजारों में चीनी का दाम 34.50 प्रति किलो से गिर कर 33.25 रुपये आ गये हैं।
चीनी व्यापारियों का कहना है कि इसी सप्ताह चीनी का दाम 32.50 रुपये पर आ सकता है। व्यापारियों का कहना है कि बरेली मंडी में तो चीनी का दाम 33 रुपये किलो आ पहुंचा है। गौरतलब है कि इस बार सूबे में गन्ने का रकबा घटने के चलते सरकार ने चीनी उत्पादन का लक्ष्य 41.60 लाख टन रखा था। सूबे की चीनी मिलों ने अभी पेराई सत्र के रहते ही इस लक्ष्य को पा लिया है।
अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से गन्ने की उपलब्धता है उसको देखते हुए लगता है कि चीनी उत्पादन के मामले में लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा। अनुमान है कि सूबे में इस बार कम से कम 45 लाख टन चीनी का उत्पादन हो जाएगा।
इस बार गन्ने की कम उपलब्धता को देखते हुए माया सरकार ने पहले 39.60 लाख टन चीनी उत्पादन का लक्ष्य रखा था बाद में गन्ने के दाम को लेकर किसानों और चीनी मिलों में चल रहा गतिरोध थमा तो लक्ष्य को बढ़ाकर 41.60 लाख टन कर दिया गया।
गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चीनी उत्पादन सूबे में बीते साल से भी ज्यादा होने की आशा है जिसके चलते बढ़ती कीमतों पर काबू पा लिया जायेगा। (बीएस Hindi)
09 मार्च 2010
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