नई दिल्ली March 09, 2010
चीनी मिलों के लिए सरकार की तरफ से जारी मासिक कोटे की जगह साप्ताहिक कोटे का असर दिखने लगा है।
बीते एक माह में चीनी की कीमतों में लगभग 30 फीसदी की कमी आई है। मार्च का महीना होने के कारण कोई भी कारोबारी चीनी का अतिरिक्त स्टॉक करने के मूड में नहीं है। लिहाजा इस माह चीनी के भाव में और गिरावट हो सकती है।
चीनी की थोक कीमत सोमवार को दिल्ली के बाजार में 3300 रुपये प्रति क्विंटल बताई गई जबकि गत फरवरी के पहले सप्ताह में यह कीमत 4400 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर चली गई थी।
दो माह पहले तक सरकार सभी मिलों के लिए प्रतिमाह के हिसाब से बिक्री का कोटा तय करती थी और मिलों को इस बात की आजादी थी कि उस माह के भीतर वे कभी भी तय कोटे की बिक्री कर सकते थे। कई बार निर्धारित कोटे के मुताबिक बिक्री नहीं भी हो पाती थी। लेकिन नए नियम के मुताबिक सरकार ने मासिक कोटे को चार भागों में बांट कर उसे साप्ताहिक कर दिया है।
चीनी मिलों के लिए हर हाल में इतनी बिक्री अनिवार्य है। उस बिक्री की साप्ताहिक रिपोर्ट भी उन्हें चीनी निदेशालय को भेजना पड़ रहा है। अगर कोई चीनी मिल तय कोटे से कम बिक्री करती है तो बची हुई चीनी को लेवी चीनी के रूप तब्दील कर दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मिलर्स के मुताबिक पहले उन्हें 10 हजार या 12 हजार (जो भी कोटा तय होता था) क्विंटल चीनी की बिक्री एक माह में करनी होती थी। वे चाहे तो पूरी बिक्री पहले सप्ताह में कर दे या आखिरी सप्ताह में, यह उनकी मर्जी पर निर्भर करता था। अब हर सप्ताह के लिए कोटा तय होता है।
वे कहते हैं कि अगर मार्च के दूसरे सप्ताह के लिए 3000 क्विंटल का कोटा है और वे तय समय में सिर्फ 2000 क्विंटल चीनी बेच पाते हैं तो बची हुई 1000 क्विंटल चीनी लेवी कोटे में चली जाएगी जहां उन्हें प्रति क्विंटल मात्र 1250 रुपये मिलेंगे। मिलर्स इस बात को स्वीकारने लगे हैं कि कीमत में गिरावट इस साप्ताहिक कोटे के नतीजा है।
मार्च का असर
चीनी के थोक कारोबारियों के मुताबिक मार्च का महीना होने के नाते चीनी की मांग भी कमजोर चल रही है। मार्च वित्त वर्ष का आखिरी महीना होता है और उन्हें अपने स्टॉक का पूरा हिसाब-किताब सरकार को देना होता है।
लिहाजा छोटे-बड़े सभी कारोबारी चीनी के स्टॉक से परहेज बरत रहे हैं। कारोबारी कहते हैं, 'अभी सर्दी वाली मांग समाप्त हो चुकी है और गर्मी वाली मांग अभी शुरू नहीं हुई है। इससे भी कीमत नहीं उठ पा रही है। इन चीजों को देखते हुए इस माह चीनी के भाव में गिरावट का रुख कायम रहेगा।' गिरावट की उम्मीद में कारोबारी चीनी की उठान नहीं कर रहे हैं। (बीएस हिंदी)
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