11 मार्च 2010
विदेश में चीनी ज्यादा सस्ती
विदेशी बाजार में चीनी के दाम ऐतिहासिक तेजी से पहले के दौर में लौट रही है। पिछले साल अगस्त के बाद पहली बार न्यूयॉर्क के आईसीई एक्सचेंज में रॉ शुगर के दाम 20 सेंट प्रति पाउंड से नीचे आ गए हैं। इसी तरह लंदन के लिफ्फे एक्सचेंज में भी चीनी (व्हाइट शुगर) 539 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गए हैं। भारत से निकट भविष्य में और मांग न निकलने और विश्व के प्रमुख उत्पादक देशों में ज्यादा उत्पादन की संभावना से विदेशी बाजारों में चीनी के मूल्य में तीखी गिरावट आई है। दूसरी ओर घरलू बाजार में चीनी के मूल्य में गिरावट विदेश की मंदी से कम रही है।खास बात यह भी है कि चीनी के मूल्य में करीब 35 फीसदी की गिरावट सिर्फ सवा महीने के दौर में आई है। विदेशी बाजार में रॉ शुगर (गैर रिफाइंड चीनी) के दाम एक फरवरी को 30।40 सेंट प्रति पाउंड थे जो कि बुधवार को घटकर 19.32 सेंट प्रति पांउड रह गए। इसी तरह से व्हाइट चीनी के दाम भी 759 डॉलर प्रति टन से घटकर 539 डॉलर प्रति टन रह गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में आई भारी गिरावट के कारण एक भारतीय चीनी कंपन ने एक लाख टन रॉ शुगर का सौदा उठाने के बजाय विदेश में ही सेटल कर दिया।इस कंपनी का अनुमान था कि यह माल देश में मंगाने दाम और घट जाएंगे, जिससे घाटा और ज्यादा होगा। ऐसे में कम घाटा उठाकर सौदा विदेशी बाजार में ही सेटल करना बेहतर समझा। उद्योग सूत्रों के अनुसार विश्व में वर्ष 2009-10 के दौरान चीनी का उत्पादन वर्ष 2008-09 के मुकाबले 4.52 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्य ब्राजील के साथ भारत में भी चीनी का उत्पादन पूर्व अनुमान से बढ़ेगा। इसीलिए भारत की अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयात मांग कम हो गई है। इसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों पर दिखाई दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 21 फरवरी को व्हाईट चीनी का भाव बढ़कर 759 डॉलर प्रति टन हो गया था जो कि बुधवार को घटकर 539 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गया। रॉ शुगर का दाम भी घटकर पिछले सात महीने के न्यूनतम स्तर 19.32 सेंट प्रति पांउड पर आ गया। रॉ शुगर पिछले अगस्त में 20 सेंट प्रति पाउंड के नीचे रही थी।घरलू बाजार में चीनी की कीमतों में पिछले सवा महीने में करीब 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव फरवरी से अभी तक लगभग 1000 रुपये घटकर 3200 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 3400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। महाराष्ट्र में चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमतें घटकर 3000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई हैं। फिर भी घरलू बाजार में मूल्य गिरावट विदेशी गिरावट से कम है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार देश में चीनी का उत्पादन पूर्व अनुमान 160 लाख टन से बढ़कर 168 लाख टन होने का अनुमान है।बात पते की॥विदेश में चीनी के मूल्य में 35फीसदी गिरावट सिर्फ सवा महीने के दौर में आई है। इस दौरान देश में दाम मात्र 25फीसदी गिर। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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