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12 मार्च 2010

आईएआरई परिसर से अब किसान बेचेंगे अपने उत्पाद

नई दिल्ली March 12, 2010
अब किसान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) परिसर से अपने उत्पादों को बेच सकेंगे।
जैविक खेती करने वाले किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए आईआरएआई के निदेशक ने किसानों को परिसर में यह सुविधा मुहैया कराने का ऐलान किया है। इन किसानों के खेत में सब्जी उगाने के लिए पॉलि हाउस भी बनाए जाएंगे ताकि राष्ट्रमंडल खेल के दौरान अच्छी गुणवत्ता एवं बेमौसम की सब्जी भी उपलब्ध हो सके।
आईएआरआई के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि आईएआरआई की तरफ से इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गांवों में जैविक खेती कराई जा रही है। ये किसान रासायनिक खाद की जगह अपने खेतों में गोबर गैस का इस्तेमाल करते हैं। इन किसानों को खेतों को समतल करने वाली आधुनिक मशीन भी दी गई हैं जिसकी मदद से खेती के दौरान 30 फीसदी पानी की बचत होती है।
इन खेतों का जायजा लेने के लिए आईएआरआई के निदेशक एचएस गुप्ता, संयुक्त निदेशक डॉ. बलदेव सिंह एवं वरिष्ठ वैज्ञानिकों की एक टीम ने बुलंदशहर इलाके के 6 गांवों का दौरा किया। इस टीम में शामिल वरिष्ठ वैज्ञानिक जेपीएस डबास ने बताया कि सभी गांवों में जैविक गेहूं की बंपर फसल है। यहां के किसान जैविक तरीके गन्ने की भी खेती कर रहे हैं।
लेकिन इस खेती में जुटे किसान फसल के बदले मिलने वाली कम कीमत को लेकर जरूर आशंकित है। उनकी इस आशंका को दूर करने के लिए आईएआरआई निदेशक ने मौके पर ही किसानों को आईएआरआई परिसर में बिक्री केंद्र मुहैया कराने का ऐलान कर डाला।
डबास के मुताबिक अगले माह से किसानों के ये बिक्री केंद्र चालू हो जाएंगे। इस केंद्र से दिल्ली के सटे 15-20 जिलों के किसान लाभन्वित होंगे। बाद में इसका प्रसार अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। (बीएस हिंदी)

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