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04 नवंबर 2009

आवक न बढ़ने से लाल मिर्च में तेजी

मध्य प्रदेश की मंडियों में लाल मिर्च की आवक न बढ़ने से भाव में तेजी आने लगी है। पिछले एक सप्ताह में गुंटूर मंडी में इसकी कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। वायदा बाजार में पिछले पंद्रह दिनों में इसके दाम 11।2 फीसदी बढ़ चुके हैं। बांग्लादेश, मलेशिया और श्रीलंका के आयातकों की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है जबकि आंध्र प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश न होने से भी तेजी को बल मिल रहा है।इंदौर के लाल मिर्च व्यापारी खजोर मल प्रजापति ने बताया कि मध्य प्रदेश की मंडियों में लाल मिर्च की आवक मात्र 15 से 18 हजार बोरी (एक बोरी 45 किलो) की ही हो रही है जबकि पिछले साल इन दिनों दैनिक आवक 40-45 हजार बोरियों की हो रही थी। ब्याह-शादियों का सीजन होने के कारण लाल मिर्च की मसाला निर्माताओं की मांग अच्छी बनी हुई है। इसीलिए पिछले दस-बारह दिनों में इसकी कीमतों में करीब 1000 रुपये की तेजी आकर भाव 4500 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मैसर्स स्पाइस ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर विनय बूबना ने बताया कि गुंटूर में इस समय लाल मिर्च का करीब 17-18 लाख बोरी का स्टॉक बचा हुआ है।उत्पादक क्षेत्रों में नई फसल को पानी की आवश्यकता है लेकिन बारिश न होने से भाव में तेजी बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब 300 रुपये की तेजी आ चुकी है। सोमवार को मंडी में 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव बढ़कर 5400-5900 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 6000-6600 रुपये, तेजा क्वालिटी के भाव 6500-7100 रुपये, सनम क्वालिटी के 5800 से 6100 रुपये और फटकी क्वालिटी के 2000-3500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।हाजिर में तेजी के कारण ही एनसीडीईएक्स में दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले पंद्रह दिनों में 11.2 फीसदी की तेजी आ चुकी है। 14 अक्टूबर को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में भाव 5641 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि 30 अक्टूबर को भाव बढ़कर 6274 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मुंबई स्थित मैसर्स अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि पिछले आठ-दस दिनों से बांग्लादेश, मलेशिया और श्रीलंका की मांग में बढ़ोतरी हुई है। जिससे नवंबर-दिसंबर महीने में भारत से लाल मिर्च के निर्यात में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार सितंबर महीने में भारत से लाल मिर्च का निर्यात बढ़कर 18,750 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 16,150 टन का निर्यात हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर के दौरान इसके निर्यात में 23 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 86,250 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 112,400 टन का हुआ था। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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