10 अप्रैल 2010
स्टाकिस्टों की खरीद से हल्दी में तेजी
स्टॉकिस्टों के साथ ही मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ने से हल्दी की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। चालू महीने में वायदा बाजार में हल्दी के दाम 5।2 फीसदी बढ़ चुके हैं जबकि पिछले दो-तीन दिन में ही हाजिर बाजार में इसकी कीमतें 4।3 फीसदी बढ़ी हैं। चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी बढ़ने की संभावना है, लेकिन पिछले साल स्टॉकिस्टों ने हल्दी का ऊंचा दाम देखा था इसलिए आवक बढ़ने के बावजूद खरीद बराबर बनी हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में कीमतों में मजबूती की ही संभावना है। वायदा में भाव तेज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर एक अप्रैल को मई महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव 10,860 रुपये प्रति क्विंटल था जोकि शुक्रवार को बढ़कर 11,425 रुपये प्रति `िंटल हो गया। मई के वायदा अनुबंध में 10,490 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ रखा मिश्रा ने बताया कि हाजिर में कीमतें घटते ही किसानों की बिकवाली कम हो जाती है इसीलिए वायदा में भी निवेशकों की अच्छी खरीद बनी हुई है, जिससे भविष्य में इसकी कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। पैदावार में बढ़ोतरी हल्दी ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्य सुभाष चंद गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार बढ़कर 48 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के उत्पादन के मुकाबले पांच लाख बोरी ज्यादा है। पिछले साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 43 लाख बोरी का ही हुआ था। चालू सीजन में नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी करीब तीन लाख बोरी बचा हुआ था। ऐसे में चालू सीजन में देश में हल्दी की कुल उपलब्धता 51 लाख बोरी रहने का अनुमान है, जबकि घरलू और निर्यात को मिलाकर सालाना खपत 46-47 लाख बोरी की होती है। चूंकि पिछले साल हल्दी के दाम बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे और आगामी सीजन में नई फसल के समय स्टॉक मात्र चार-पांच लाख बोरी ही बचने की संभावना है। ऐसे मंे स्टॉकिस्टों को इस बार भी हल्दी की कीमतों में लंबी तेजी की संभावना दिख रही है। उत्पादक मंडियों में आवक बढ़ी है लेकिन स्टॉकिस्टों और मसाला निर्माताओं की खरीद बराबर बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में आवक बढ़ी निजामाबाद मंडी स्थित मैसर्स मनशाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि निजामाबाद मंडी में हल्दी की दैनिक आवक बढ़कर 15,000 बोरी और इरोड़ मंडी में 20,000 बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हो गई है। अन्य मंडियों में भी करीब पांच-छह हजार बोरी की दैनिक आवक हो रही है। लेकिन इस समय पाइपलाइन खाली है जिससे स्टॉकिस्टों के साथ ही मसाला निर्माताओं की अच्छी मांग बनी हुई है। इसीलिए कीमतों में मजबूती देखी जा रही है। हाजिर में कीमतें बढ़ी हल्दी व्यापारी डूंगर चंद ने बताया कि निजामाबाद मंडी में पिछले दो-तीन दिनों में ही हल्दी की कीमतों में करीब 500 रुपये की तेजी आ चुकी है। शुक्रवार को मंडी में हल्दी के भाव बढ़कर 12,000 रुपये और इरोड़ मंडी में 12,800 रुपये प्रति `िंटल हो गए। अभी तक निजामाबाद मंडी में हल्दी का करीब 35 हजार बोरी का स्टॉक हो चुका है। आगामी दिनों में अन्य उत्पादक मंडियों में भी आवक बढ़ेगी, लेकिन स्टॉकिस्टों और मसाला निर्माताओं की अच्छी मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की ही संभावना है।निर्यात घटा भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2000-10 के अप्रैल से फरवरी के दौरान हल्दी के निर्यात मे छह फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 46,000 टन का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48,850 टन का निर्यात हुआ था (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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