चंडीगढ़ April 15, 2010
पंजाब में चीनी का उत्पादन गिरकर 19 लाख क्विंटल रह गया है। चालू पेराई सत्र में गन्ने के संकट की वजह से यह गिरावट आई है।
पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 25 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक चीनी उत्पादन के इतिहास में 1980-81 के बाद इतना कम उत्पादन कभी नहीं हुआ। 1980-81 में चीनी का उत्पादन 5.19 लाख क्विंटल था, उसके बाद से राज्य में उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि राज्य के किसान गेहूं और धान की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जिसकेचलते बुआई के क्षेत्रफल में कमी आई है। 2008-09 में जहां बुआई का क्षेत्रफल 81,000 हेक्टेयर था, 2009-10 में यह घटकर 60,000 हेक्टेयर रह गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत करते हुए राज्य के गन्ना आयुक्त एमएस संधू ने कहा- गन्ने के क्षेत्रफल में कमी की वजह से पिछले साल के 25 लाख क्विंटल की तुलना में इस साल उत्पादन घटकर 19 लाख क्विंटल रह गया है। गन्ने की कमी की वजह से 9 कोआपरेटिव चीनी मिलों की पेराई की क्षमता प्रभावित हुई है। पेराई सत्र भी पिछले साल के 61 दिन से घटकर 42-46 दिन रह गया है।
निजी क्षेत्र की मिलों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। पेराई जारी रखने के लिए राज्य की 7 मिलें किसानों को 240-270 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गन्ने का भुगतान कर रही हैं। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक उनका पेराई सत्र इस साल घटकर 85-90 दिन रह गया है। (बीएस हिंदी)
15 अप्रैल 2010
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