अहमदाबाद/मुंबई April 14, 2010
कच्चे कपास की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने इसके निर्यात पर शुल्क लगा दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी फैसला किया है कि कपास टुकड़े के निर्यात पर 3 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया जाएगा।
कपड़ा मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि, 'कच्चे कपास की सभी किस्मों पर 9 अप्रैल से 2500 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क लगा दिया गया है। साथ ही कपास टुकड़े पर भी उसी तिथि से 3 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया है।'
सरकार ने कपास के धागे और कच्चे कपास की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले कुछ दिनों के दौरान कई कदम उठाए हैं। पिछले सप्ताह डयूटी इंटायटलमेंट पासबुक (डीईपीबी) के तहत निर्यातकों को मिलने वाले 7.67 प्रतिशत की शुल्क में छूट को खत्म कर दिया था।
कपड़ा आयुक्त के यहां 79 लाख गांठ कपास रजिस्टर है, जबकि 5.5 करोड़ गांठ कपास का निर्यात पहले ही किया जा चुका है। इसकी वजह से कीमतें आसमान पर पहुंच गईं। अब निर्यात शुल्क लगने और रुपये में मजबूती आने की वजह से कपास के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
कपास की कीमतों पर लगाम लगाने के पहले के कदमों का असर भी घरेलू बाजार में दिखने लगा है। सेंट्रल गुजरात कॉटन डीलर्स एसोसिएशन (सीजीसीडीए) के किशोर शाह ने कहा, 'कुछ दिन पहले कपास की कीमतें 29,300 से 29,400 रुपये प्रति कैंडी पर पहुंच गई थीं, जो अब घटकर 28,000 से 28,600 रुपये प्रति कैंडी पर आ गई हैं।'
उद्योग जगत के अनुमानों के मुताबिक वैश्विक रूप से मांग और आपूर्ति में अंतर के चलते घरेली बाजार में कपास की कीमतों में 35 प्रतिशत की मजबूती आई है। चालू कपास विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) की शुरुआत के दौरान संकर-6 किस्म के कपास की कीमतें बढ़कर 21,000 रुपये से 22,000 रुपये प्रति कैंडी पर थीं।
कीमतों में बढ़ोतरी के चलते साउदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन और कानफेडरेशन आफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी। कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान में अतिरिक्त कपास नहीं है, वहीं चीन में कपास के उत्पादन में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसके चलते भारत, कपास की खरीदारी के लिए एक केंद्र बनकर उभरा और वैश्विक आयातकों ने जमकर खरीदारी की। इसके चलते भारत में 79 लाख गांठ कपास निर्यात के लिए रजिस्टर किया गया, जिसमें से 55 लाख गांठ कपास का निर्यात हांगकांग, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश को पहले ही किया जा चुका है। कॉटन एडवाइजरी बोर्ड के अनुमानों के मुताबिक 2009-10 में कुल 292 लाख गांठ कपास उत्पादन के अनुमान हैं।
सरकार का फैसला
कच्चे कपास की सभी किस्मों पर 9 अप्रैल से 2500 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क लगाकपास टुकड़े पर भी 3 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गयाघरेलू बाजार में कीमतें घटाने की सरकार की कोशिश (बीएस हिंदी)
14 अप्रैल 2010
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