नई दिल्ली April 27, 2010
हरी सब्जी बेचने के लिए किसानों को अब सिर्फ स्थानीय मंडी पर ही निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है।
वे अब अपनी भिंडी, करेला एवं बैगन जैसी सब्जियों को सिंगापुर से लेकर खाड़ी देशों में भी बेच सकते हैं। निर्यातकों के मुताबिक पिछले दो साल में हरी सब्जियों के निर्यात में 100-200 फीसदी तक की उछाल आई है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारी भी इस बात से सहमति जताते हैं। हरी सब्जियों के बढ़ते बाजार से इनके उत्पादन रकबे में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के मुताबिक वर्ष 2007 में 7581,000 हेक्टेयर, वर्ष 2007-08 में 7848,000 एवं 08-09 में 7981,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती की गई।
महाराष्ट्र एवं चेन्नई के निर्यातकों के मुताबिक इन दिनों सिर्फ भिंडी का निर्यात रोजाना 10 टन तक हो रहा है। सबसे अधिक बैगन का निर्यात हो रहा है। इसके अलावा करेले की भी विदेश में अच्छी मांग निकल रही है।
चेन्नई स्थित हरी सब्जियों केनिर्यातक वाई. देवेथस्वरे बताते हैं, 'मैं इन दिनों हर सप्ताह 1 टन भिंडी का निर्यात कर रहा हूं। पिछले साल इस दौरान सप्ताह में 300 क्विंटल भिंडी का निर्यात कर रहा था। करेले का निर्यात प्रति सप्ताह 7 क्विंटल कर रहा हूं।'
निर्यात में बढ़ोतरी से दक्षिण भारत के सब्जी किसानों को अच्छी कीमत भी मिल रही है। चेन्नई पोर्ट पर भिंडी की कीमत 27 रुपये प्रति किलोग्राम चल रही है तो करेले की 28 रुपये प्रति किलोग्राम। पिछले तीन वर्षों से पश्चिम एशिया एवं खाड़ी देशों में हरी सब्जियों का निर्यात किया जा रहा है। कड़े नियमों के कारण निर्यातक यूरोप एवं अमेरिका में रुचि नहीं ले रहे हैं।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उप निदेशक ब्रजेंद्र सिंह कहते हैं, 'कद्दू का निर्यात तो अमेरिका तक हो रहा है। लेकिन यूरोप एवं अमेरिका में निर्यात के लिए कई नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है। कीटनाशक के उपयोग की मात्रा से लेकर सब्जी को तोड़ने तक में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। धीरे-धीरे हम इस दिशा में बढ़ रहे हैं। निश्चित रूप से हरी सब्जियों के निर्यात में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और अब सब्जी का उत्पादन व्यावसायिक दृष्टिकोण से शुरू हो चुका है।'
सब्जी उत्पादक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गढहवे शिवनेरी के मुताबिक इन दिनों सिर्फ मुंबई से रोजाना 20 टन विभिन्न प्रकार की सब्जियों का निर्यात हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में निर्यात में 100-200 फीसदी की बढ़ोतरी है। पुणे के आसपास के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़ सब्जियों की खेती करने लगे हैं।
सब्जी का उत्पादन
वर्ष उत्पादन2007 114993,0002008 128449,0002009 129077,000सभी उत्पादन टन मेंस्त्रोत : राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (बीएस हिंदी)
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