28 अप्रैल 2010
औद्योगिक मांग से केमिकल महंगे
कोल्ड ड्रिंक, वाहन, डिटर्जेट और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों की ओर से पिछले एक माह के दौरान केमिकलों की मांग लगातार बढ़ रही है। इन तमाम उद्योगों की केमिकल खरीद बढ़ने के अलग-अलग कारण हैं।केमिकलों की मांग बढ़ने के कारण इसकी कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। कारोबारियों के अनुसार बाजार में केमिकलों की सप्लाई मांग के अनुरूप नहीं बढ़ी है। इस वजह से आगे भी इसकी कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। बाजार में एक माह के दौरान अमोनियम क्लोराइड के दाम 1700-2500 रुपये प्रति 50 किलोग्राम, सिट्रिक एसिड 2650-3050 रुपये प्रति 50 किलोग्राम, हाइड्रोजन पर ऑक्साइड के दाम 33-35 रुपये प्रति किलो और कास्टिक सोडा के दाम 100-120 रुपये बढ़कर 1100-115क् रुपये प्रति 50 किलो हो गए हैं। महीने भर में इनकी कीमतों में 10त्न की बढ़ोतरी हो चुकी है। केमिकल मर्चेट्स एसोसिएशन दिल्ली के चेयरमैन राजंेद्र कुमार गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बाजार में केमिकल की सप्लाई कम हो रही है। वहीं इसकी मांग अच्छी चल रही है। यही कारण है कि केमिकल की कीमतों में तेजी आई है। उनका कहना है कि केमिकल बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे माल के महंगा होने के कारण भी कीमतों में तेजी को बल मिला है। कारोबारी विनोद कुमार का कहना है कि गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक कंपनियों व अचार निर्माताआंे की ओर से सिट्रिक एसिड की मांग बढ़ने लगी है। ऑटो उद्योग में भी तेजी से सिट्रिक एसिड की मांग बढ़ी है। सिट्रिक एसिड का उपयोग टेक्सटाइल उद्योग में धाग-धब्बों का साफ करने, ऑटो उद्योग में कल-पुर्जो में लगने वाली जंग को साफ करने, शीतल पेय पदार्थो और अचार बनाने में स्वाद के लिए किया जाता है। कारोबारियों के मुताबिक डिटर्जेट निर्माताओं की मांग से कास्टिक सोडा और स्टॉकिस्टों की मांग से मेंथा तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। केंद्रीय बजट 2010-11 में उत्पाद शुल्क बढ़ने और भाड़ा महंगा होने से केमिकल की कीमतों में इजाफा हुआ था। उत्पाद शुल्क दो फीसदी बढ़ने और पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से भाड़ा महंगा हो गया था। इस वजह से पिछले माह केमिकल की कीमतों में पांच फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। देश में चीन से केमिकल का आयात काफी किया जाता है। (बिज़नस भास्कर)
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