26 अप्रैल 2010
कभी भी गिरावट आ सकती है जीर के मूल्य में
जीर में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग कमजोर है। लेकिन निवेशकों की खरीद बढ़ने से वायदा बाजार में पिछले दस दिनों में इसके दाम करीब 2।8 फीसदी बढ़े हैं। इसका असर हाजिर बाजार में भी आया है। ऊंझा मंडी में जीर की कीमतों में पिछले एक सप्ताह में ही करीब 50 रुपये की तेजी आकर भाव 2250 रुपये प्रति 20 किलो हो गए। चालू सीजन में देश में जीर की पैदावार पिछले साल के मुकाबले करीब सात फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। जून-जुलाई में सीरिया और टर्की में जीर की नई फसल आ जाएगी। ऐसे में घरेलू बाजार में मुनाफावसूली से कभी भी जीर की कीमतों में मंदे का रुख बन सकता है। जून-जुलाई में टर्की और सीरिया में जीर की नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसीलिए खाड़ी देशों के साथ ही यूरोप के आयातकों की मांग भारत से पहले की तुलना में कम हो गई है। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीर के दाम 2200-2250 डॉलर, टर्की के जीर का भाव 2400-2450 और सीरिया के जीर का भाव 2300-2350 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। एक तो रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर बना हुआ है, दूसरा आयातक देशों की मांग घटने से पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीर के दाम भी करीब 100 डॉलर प्रति टन तक घट चुके हैं। अत: दाम घटने से भारतीय निर्यातक को पड़ते भी नहीं लग रहे हैं। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2009-10 के अप्रैल से फरवरी के दौरान जीरा निर्यात में 14 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 42,500 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 49,500 टन का निर्यात हुआ था। फरवरी महीने में ही निर्यात में 17 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 2500 टन का ही हुआ है। चालू फसल सीजन में देश में जीर का उत्पादन पिछले साल के 28 लाख बोरी (प्रति बोरी 55 किलो) से बढ़कर 29-30 लाख बोरी होने का अनुमान है। ऊंझा मंडी में जीर की दैनिक आवक करीब 10-12 हजार बोरी की हो रही है लेकिन स्टॉकिस्टों की खरीद कमजोर है। माना जा रहा है निवेशकों की खरीद से एनसीडीईएक्स के वेयर हाउसों में जीर का स्टॉक बढ़कर करीब चार-पांच लाख बोरी का हो चुका है। ऐसे में वायदा में मुनाफावसूली आने से कीमतों में गिरावट आने की आशंका है। हाजिर बाजार में भी करीब 2.5 लाख बोरी का स्टॉक होने की संभावना है। एनसीडीईएक्स पर निवेशकों की खरीद से मई महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दस दिनों में जीर के दाम करीब 2.8 फीसदी बढ़े हैं। पंद्रह अप्रैल को मई महीने के वायदा अनुबंध में जीर का दाम 11,753 रुपये प्रति `िंटल था जोकि सप्ताहांत तक बढ़कर 12,085 रु. प्रति `िंटल हो गया। - rana@businessbhaskar.netहाजिर बाजारऊंझा मंडी में 50 रुपये बढ़कर 2,500 रु. प्रति 20 किलो हो गया जीरामंडी में दैनिक आवक 10-12 हजार बोरी हो रही है इन दिनोंबात पते कीआयातक देशों की मांग घटने से पिछले एक महीने में विश्व बाजार में जीरा 100 डॉलर प्रति टन सस्ता हो चुका है। ऐसे मंे भारतीय निर्यातकों के लिए फिलहाल सौदों में पड़ता नहीं लग रहा है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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