नई दिल्ली April 15, 2010
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर दो अंकों की ओर पहुंचने को है।
मार्च महीने में यह 9.9 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो बाजार की उम्मीदों से मामूली कम है। फरवरी में यह 9.89 प्रतिशत और एक साल पहले मार्च में 1.20 प्रतिशत पर थी।
विश्लेषकों को उम्मीद थी कि बजट में ईंधन की कीमतों में इजाफा की घोषणा और खाद्यान्न की महंगाई दर ज्यादा होने की वजह से कुल महंगाई दर दो अंकों में पहुंच जाएगी। बहरहाल, मार्च महीने में खाद्यान्न की कीमतें स्थिर रहीं और इससे महंगाई दर 10 प्रतिशत का आंकड़ा पार करने में सफल नहीं हुई।
नीति निर्माताओं के साथ विशेषज्ञों को भी यह डर था कि महंगाई दर बढ़ने के संकेत हैं। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, 'निश्चित रूप से यह डर था कि महंगाई दर दो अंकों में पहुंच जाएगी। इस लिहाज से कुछ सुधार है, लेकिन आप इसे जून महीने में देख सकते हैं। दबाव बरकरार है।'
2009-10 के लिए औसत महंगाई दर पहले के आंकड़ों के मुताबिक 3.8 प्रतिशत है। जानकारों का कहना है कि महंगाई दर को देखते हुए रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में कडे क़दम उठा सकता है। मौद्रिक नीति की समीक्षा 20 अप्रैल को होनी है। नीतिगत दरों में 25 से 50 आधार अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।
एचएसबीसी लिमिटेड की वरिष्ठ एशियाई अर्थशास्त्री रॉबर्ट प्रियर वांडेसफोर्ड ने कहा, 'मार्च में महंगाई दर के आंकड़ों ने हमें आश्चर्यचकित किया है। बाजार सहित हमें उम्मीद थी कि यह दो अंकों के आंकड़े को पार कर जाएगी। बहरहाल अभी इसकी उम्मीद कम है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को कड़ा नहीं करेगा। इस बात की उम्मीद है कि 50 आधार अंक की जगह 25 आधार अंक की बढ़ोतरी हो।'
क्रिसिल के प्रधान अर्थशास्त्री डी.के. जोशी कहते हैं, 'यह केवल आंकडों का अंतर है, अन्यथा 9.9 और 10 में क्या अंतर रह जाता है, वैसे भी ये शुरुआती आंकडे हैं, अंतिम आंकड़े 10 प्रतिशत अथवा इससे ऊपर हो सकते हैं।'
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य सुमन के बेरी का कहना है, 'रिजर्व बैंक के लिए अब यह महत्वपूर्ण हो गया है कि वह मुद्रास्फीति की चिंता को लेकर स्पष्ट संकेत दे, मुझे मंगलवार को मौद्रिक नीति में सख्त उपाय किए जाने की उम्मीद है।'
मार्च महीने के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार सकल उपभोक्ता वस्तुओं का आधिकारिक थोक मूल्य सूचकांक फरवरी के 250.1 अंक से बढ़कर मार्च में 250.8 अंक हो गया। प्राथमिक वस्तुओं के समूह सूचकांक में इस दौरान 0.5 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन ईंधन, प्रकाश, ऊर्जा और लुब्रिकेंट्स के समूह सूचकांक में 1.4 प्रतिशत की मजबूती दर्ज की गई।
इस समूह में हाईस्पीड डीजल के दाम 6 प्रतिशत, पेट्रोल 5 में प्रतिशत की वृध्दि रही। केवल नाफ्था के दाम में 3 प्रतिशत की गिरावट रही। खाद्य उत्पाद समूह सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई लेकिन तंबाकू और तंबाकू उत्पाद, कपडा समूह, कागज और कागज उत्पाद तथा रबर, प्लास्टिक उत्पाद और रसायन और रसायन उत्पाद समूहों में बढ़त दर्ज की गई। (बीएस हिंदी)
16 अप्रैल 2010
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