13 अप्रैल 2010
गेहूं की सरकारी खरीद 27फीसदी बढ़कर 44 लाख टन हुई
प्राइवेट खरीदारों की गेहूं खरीद में दिलचस्पी न होने के कारण सरकारी केंद्रों पर गेहूं का दबाव बढ़ रहा है। इस वजह से चालू विपणन सीजन में अभी तक 1100 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 44।43 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सूत्रों के अनुसार अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा योगदान हरियाणा का है। हरियाणा से अभी तक 22.25 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक मात्र 19.01 लाख टन की ही खरीद हुई थी। मध्य प्रदेश में सरकारी खरीद पिछले साल के 5.32 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 12.25 लाख टन की हो चुकी है। पंजाब की मंडियों से अभी तक 9.45 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 8.54 लाख टन से ज्यादा है। पंजाब की मंडियों में बैसाखी के बाद आवक बढ़ जाएगी इसीलिए आगामी दिनों में पंजाब से खरीद जोर पकड़ लेगी। उधर उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद तो शुरू हो गई है लेकिन खरीद सीमित मात्रा में ही हो रही है। चालू सीजन में 263 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले साल के 253.81 लाख टन से ज्यादा है। जानकारों का कहना है कि चूंकि चालू सीजन में प्राइवेट खरीददार खरीद में रुचि नहीं ले रहे हैं इसलिए एफसीआई की खरीद 263 लाख टन से भी ज्यादा होने की संभावना है। पिछले साल हुई कुल खरीद में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का योगदान 85 फीसदी था। चालू खरीद सीजन में भी इन राज्यों का योगदान ही ज्यादा रहेगा। पिछले साल पंजाब से 107.25 लाख टन, हरियाणा से 69.24 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 38.82 लाख टन की खरीद की गई थी। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में गेहूं का उत्पादन 802 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 806 लाख टन से कम है। (बिज़नस बह्स्कर.)
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