13 अप्रैल 2010
ईयू को निर्यात के लिए मूंगफली की क्वालिटी जांच अनिवार्य
पिछले साल क्वालिटी के सवाल पर यूरोपीय यूनियन द्वारा भारतीय मूंगफली की खेप रद्द किए जाने के बाद चालू सीजन में सरकार सतर्क हो गई हैं। इस साल केंद्र सरकार ने यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों को मूंगफली निर्यात के लिए गुणवत्ता जांच प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 9 अप्रैल 2010 को जारी अधिसूचना के अनुसार निर्यातकों को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं से निर्यात होने वाली मूंगफली की खेप के लिए गुणवत्ता प्रमाण-पत्र लेना होगा। एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मूंगफली दाने के निर्यात के लिए यूरोपीय यूनियन देशों में अच्छी संभावनाएं हैं लेकिन इन देशों में गुणवत्ता के मानक कड़े हैं। इसीलिए निर्यातकों को एपीडा द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं से गुणवत्ता प्रणाम-पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। इसके बाद अन्य देशों के लिए भी इसी तरह की जांच अनिवार्य की जा सकती है। मूंगफली दाना निर्यातक श्री राजमोती इंडस्ट्री के मैनेजिंग डायरक्टर समीर भाई शाह ने बताया कि पिछले साल यूरोपीय यूनियन के कई देशों ने भारतीय निर्यातकों के कुछ सौदे गुणवत्ता को लेकर रद्द कर किए थे। इसलिए सरकार को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य करना पड़ा है। इससे भारत से मूंगफली दाने के निर्यात को बढ़ावा मिलेगी क्योंकि यूरोपीय यूनियन के देशों, रूस तथा खाड़ी देशों में मूंगफली दाने की अच्छी खपत होती है।शाह ने बताया कि निर्यातकों के साथ ही घरलू मांग अच्छी होने से मूंगफली दाने और तेल की मांग अच्छी बनी हुई है। पिछले पंद्रह दिनों में राजकोट मंडी में मूंगफली तेल के भावों में करीब 20 रुपये की तेजी आकर भाव 700 रुपये प्रति दस किलो हो गए। इस दौरान मूंगफली की कीमतों में भी करीब 200 रुपये की तेजी आकर भाव 3000 रुपये प्रति किलो हो गए। पिछले साल की समान अवधि में मूंगफली तेल का भाव 615 रुपये प्रति दस किलो था। उत्पादन में कमी और अच्छी मांग अच्छी होने से आगामी दिनों में इसकी कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।एपीडा के अनुसार वर्ष 2008-09 में भारत से लगभग 1300 करोड़ रुपये के 297,890 टन मूंगफली दाने का निर्यात किया गया था। हालांकि वर्ष 2009-10 में प्रतिकूल मौसम होने से भारत में मूंगफली के उत्पादन में करीब 23 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। उत्पादन में कमी आने का असर निर्यात पर भी पड़ने की संभावना है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में मूंगफली का कुल उत्पादन 55।25 लाख टन ही होने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 में देश में 71.68 लाख टन मूंगफली का उत्पादन हुआ था। rana@businessbhaskar.netबात पते कीनिर्यातकों के साथ ही घरलू मांग अच्छी होने से मूंगफली दाने और तेल की मांग मजबूत बनी हुई है। जबकि वर्ष 2009-10 में मौसम खराब रहने से मूंगफली का उत्पादन 23त्न घटने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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