मुंबई April 08, 2010
एथेनॉल उत्पादकों ने एथेनॉल की कीमतें 27 रुपये तय करने के ईजीओएम के फैसले का स्वागत किया है।
एथेनॉल उत्पादकों की तरफ से तीन साल के लिए एथेनॉल की कीमतें तय किए जाने की मांग थी, लेकिन कीमतें छह महीने के लिए तय की जा रही हैं। गन्ने की पैदावार में बढ़ोतरी की उम्मीदों के बीच पेट्रोल में 5 फीसदी मिश्रण के लिए एथेनॉल उत्पादक 80 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की उम्मीद कर रहे हैं। अगले तीन सालों में चीनी और शीरा की ज्यादा आपूर्ति की संभावना है।
एथेनॉल उत्पादकों के मुताबिक उत्पादकों पर आपूर्ति में चूक के लिए दंड और तेल कंपनियों द्वारा मिश्रण के लिए एथेनॉल न उठाए जाने के लिए दंड ताजा एथेनॉल आपूर्ति सौदों में शामिल होंगे। तेल विपणन कंपनियां एथेनॉल फैक्ट्रियों से तेल डिपो तक की परिवहन लागत अन्य उत्पादों के समान दर पर उठाएंगे। वास्तविक ढुलाई का काम एथेनॉल निर्माताओं द्वारा किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'योजना आयोग के सदस्य सौमित्र चौधरी की अध्यक्षता में बनी समिति के अलगे फैसले तक कीमतें तय की गई हैं।'
भारतीय एथेनॉल उत्पादक संघ के अध्यक्ष विजयसिंह मोहिते पाटिल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 148 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है और पेट्रोल में 5 फीसदी मिश्रण के लिए उद्योग 80 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति कर सकता है। उनके मुताबिक इतनी आपूर्ति में उत्पादकों को कोई समस्या नहीं होगी।
हालांकि अंडररिकवरी का भार झेल रहीं तेल विपणन कंपनियां और स्पष्टता चाहती हैं। तेल विपणन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनियां हमेशा निविदा (टेंडर) प्रक्रिया से एथेनॉल की आपूर्ति का समर्थन करते हैं। शुरुआत में एथेनॉल की कीमतें छह महीने के लिए तय की गई हैं, ऐसे में यह देखना होगा कि आपूर्तिकर्ता आपूर्ति कार्यक्रम और प्रतिबद्धताओं के साथ बने रहें।
महाराष्ट्र सहकारी चीनी मिल महासंघ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे का कहना है कि इस परियोजना की सफलता पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को अनिवार्य किए जाने पर निर्भर करता है। तेल विपणन कंपनियों को निविदा के लिए नहीं जाना चाहिए क्योंकि कीमतें ईजीओएम के द्वारा तय की जा चुकी हैं। इसलिए निविदा का कोई मतलब नहीं बनता है।
आपूर्ति की इच्छा रखने वाले एथेनॉल उत्पादकों को तेल कंपनियां अपने तय डिपो पर 27 रुपये लीटर की तय कीमत पर आपूर्ति के लिए बुला सकती हैं। उन्होंने कहा कि छह महीने के बाद कीमतों की समीक्षा का विचार भी बुरा नहीं है।
इस दौरान मिश्रण परियोजना कीमत निर्धारण को लेकर बुनियादी बातें साफ हो जाएंगी। नाइकनवारे ने कहा कि ईजीओएम के फैसले के चलते एथेनॉल निर्माता इस्तेमाल न होने वाली क्षमता को भी उपयोग में ला सकेंगे। पिछले तीन सालों से उत्पादन क्षमता निष्क्रिय पड़ी है। (बीएस हिंदी)
08 अप्रैल 2010
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