नई दिल्ली April 08, 2010
दूध और दुग्ध उत्पादों के चीन से आयात पर प्रतिबंध हटाए जाने की चीन सरकार की मांग पर भारत ने सकारात्मक रुख अपनाया है।
फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे चीन के दूध के नमूनों की जांच कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपें। एफएसएसएआई, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत स्वायत्त संस्था है।
चीन के दूध और दुग्ध उत्पादों में मेलामाइन की मात्रा ज्यादा होती है, जिसके उपयोग से मोटापे की बीमारी होती है। भारत ने चीन से दूध और इसके उत्पादों के आयात पर 2008 में प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध चीन के दूध में मेलामाइन की ज्याद मात्रा के चलते बच्चों के मरने की खबरों के बाद लगा था। प्रतिबंध जून 2010 तक के लिए लगाया गया था।
अथॉरिटी ने अब एक केंद्रीय समिति नियुक्त की है, जो राज्य सरकारों की चीनी दूध के नमूनों पर दी गई रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। इसके बाद ही प्रतिबंध हटाने के बारे में आखिरी फैसला लिया जाएगा। इस समिति में वैज्ञानिकों का एक पैनल और नैशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, वाणिज्य मंत्रालय और विदेश व्यापार महानिदेशालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा- हम मानकों के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे। यूरोप और अमेरिका भी पहले ही प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन चीनी मीडिया की खबरों के मुताबिक उन्होंने अभी प्रतिबंध नहीं हटाया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत अब दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर है और इसलिए प्रतिबंध हटाने की कोई जल्दबाजी नहीं (बीएस हिंदी)
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