नई दिल्ली April 26, 2010
भारत में आयातित चीनी की मांग बढ़ रही है, लेकिन गुड़ के मामले में हालात विपरीत है। इस साल पिछले साल के मुकाबले गुड़ के निर्यात में 10 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी है।
गुड़ की निर्यात कीमत 4300-5000 रुपये प्रति क्विंटल बताई गई जबकि पिछले साल यह कीमत 2500-3200 रुपये प्रति क्विंटल थी। जैविक गुड़ का निर्यात भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया। गुड़ में तेजी की वजह से निर्यात मांग में अधिक बढ़ोतरी नहीं हो सकी।
भारत यूरोप, कनाडा, सउदी अरब, मलेशिया, सिंगापुर जैसे देशों में गुड़ का निर्यात करता है। अब गुड़ के भाव में फरवरी के मुकाबले 400-600 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ चुकी है। गुड़ उत्पादन के लिए देश भर में मशहूर कोल्हापुर के उत्पादकों ने बताया कि अब तक सिर्फ उनके इलाके में 200 करोड़ रुपये का गुड़ उत्पादन हो चुका है। इनमें से कम से कम 25 फीसदी का निर्यात किया गया है।
कोल्हापुर में छोटी-बड़ी 1000 इकाइयां गुड़ उत्पादन में जुटी हैं और उत्पादन के चरम पर यहां रोजाना 500-700 टन गुड़ का उत्पादन होता है। कोल्हापुर स्थित साहू सहकारी गुल खरेदी विक्री संघ के अध्यक्ष राजा राम पाटिल कहते हैं, 'हर वर्ष विदेश में गुड़ की मांग बढ़ती जा रही है खास कर जैविक गुड़ की अच्छी मांग निकल रही है।'
मुंबई स्थित गुड़ निर्यातक निम्बलकर कहते हैं, 'मैं जैविक गुड़ का निर्यात सिंगापुर करता हूं और सिंगापुर से इस गुड़ का फिर से अन्य देशों में ऊंची कीमत पर निर्यात किया जाता है। वे कहते हैं इस साल पिछले साल के मुकाबले गुड़ के निर्यात में कम से कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी है।'
गुड़ की कीमतों में 5-7 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट का लाभ निर्यातकों को नहीं मिल रहा है। गुड़ निर्यात का ऑर्डर मुख्य रूप से सितंबर-अक्टूबर में आता है। कोल्हापुर के गुड़ निर्यातक किशोर मलकोडे कहते हैं, 'इस मौसम में गुड़ के पिघलने की आशंका रहती है इसलिए अब कीमत कम होने से कोई फायदा नहीं है। अक्टूबर-नवंबर में वर्तमान स्तर पर गुड़ की कीमत होती तो निर्यात इससे कही ज्यादा होता।'
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य रूप से जिन देशों में भारतीय रहते हैं गुड़ की मांग उन्हीं देशों से अधिक निकलती है। इस साल चीनी के भाव बढ़ने से महाराष्ट्र के गुड़ उत्पादकों को उत्तर प्रदेश के गुड़ उत्पादकों की तुलना में काफी लाभ हुआ। कोल्हापुर के अधिकतर गुड़ उत्पादक खुद ही गन्ने का उत्पादन करते हैं इसलिए उन्हें ऊंची कीमत पर गन्ने की खरीदारी नहीं करनी पड़ी।
जबकि उत्तर प्रदेश के गुड़ उत्पादक 250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदारी की। ऐसे में उनकी लागत पिछले साल के मुकाबले काफी ऊंची रही। अब चीनी के दाम घटने से उत्तर प्रदेश में गुड़ की कीमत भी घटकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इससे उत्तर प्रदेश के गुड़ उत्पादकों को परेशानी हो रही है। (बीएस हिंदी)
26 अप्रैल 2010
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