10 अप्रैल 2010
हाइब्रिड बीजों से बढ़ेगा उत्पादन
देश में कृषि उपज बढ़ाने के उद्देश्य से हाइब्रिड सीड का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी कंपनियां नए संयंत्र खोलने से लेकर विदेशी कंपनियों के साथ गठबंधन भी कर रही हैं। कृषि मंत्रालय का मानना है कि हाइब्रिड सीड अपनाने से कृषि उपज में तेजी से इजाफा करना संभव है। देश में करीब 500 किस्मों के हाइब्रिड बीज तैयार किए जा रहे हैं। नए हाइब्रिड बीज अपनाने वाले किसानों की संख्या 20त्न सालाना बढ़ रही हैं। ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार खेत प्रदर्शन और ट्रेनिंग दे रही है और दूरदराज के क्षेत्रों में किसानों तक हाइब्रिड सीड पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। देश में बीजों का कुल कारोबार करीब 5,000 करोड़ रुपये का है जिसमें करीब 13त्न की वार्षिक वृद्धि दर जारी है। देश में हाइब्रिड बीजों के बाजार का विकास 10त्न की दर से हो रहा है। जबकि इसके वैश्विक बाजार की विकास दर पांच फीसदी ही है। लेकिन भारत में हाईब्रिड बीजों का बाजार वैश्विक बाजार की तुलना में बहुत छोटा है।रासी सीड प्राइवेट लिमिटेड मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरविंद कपूर ने बताया कि उत्पादन बढ़ाने के लिए अधिक पैदावार देने वाली हाइब्रिड किस्मों को अपनाना जरूरी है। उनका कहना है कि पारंपरिक बीजों की तुलना में हाइब्रिड बीजों से दोगुना से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। डॉ. कपूर के मुताबिक हाइब्रिड बीज पारंपरिक बीजों की तुलना में महंगे जरूर होते हैं परंतु जहां 20 से 30 किलोग्राम पारंपरिक बीजों से जितनी पैदावार ली जाती है उतनी ही पैदावार करीब छह से आठ किलोग्राम हाइब्रिड बीजों से हो सकती है। देश में 12 से भी अधिक विदेशी कंपनियों और संस्थानों से हाइब्रिड सीड विकसित करने की परियोजनाएं चालू हैं। कृषि आयुक्त डॉ. गुरबचन सिंह का कहना है कि देश के लगभग हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र मौजूद हैं, जिनकी सहायता से किसानों में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश हो रही है और हाइब्रिड बीज उपलब्ध भी कराए जा रहे हैं। उनका कहना है कि अनाज में सीड रिप्लेसमेंट रट यानि बीजों को बदलने की दर करीब 17 फीसदी है। लेकिन सरकार की कोशिश है कि किसानों को जागरूक करके अधिक से अधिक हाइब्रिड सीड उन्हे उपलब्ध कराए जाएं, जिससे पैदावार में इजाफा हो सके।(बिज़नस भास्कर)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें