23 अप्रैल 2010
निर्यात मांग कमजोर होने से और घटेंगे लाल मिर्च के दाम
पैदावार में बढ़ोतरी और निर्यात मांग कमजोर होने से पिछले एक सप्ताह में लाल की कीमतों में करीब पांच फीसदी की गिरावट आ चुकी है। गुंटूर में लालमिर्च का स्टॉक बढ़कर करीब 48 लाख बोरी (प्रति बोरी 40 किलो) हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 90 फीसदी ज्यादा है। लाल मिर्च का उत्पादन बढ़कर 1।60 करोड़ बोरी होने का अनुमार है। पैदावार ज्यादा होने और वेयर हाउसों में स्टॉक ज्यादा से स्टॉकिस्टों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। स्पाइस ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर विनय भूभना ने बिजनेस भास्कर को बताया कि गुंटूर में लाल मिर्च का स्टॉक बढ़कर लगभग 48 लाख बोरी का हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के 25 लाख बोरी के मुकाबले 90 फीसदी ज्यादा है। चालू सीजन में लाल मिर्च की पैदावार पिछले साल के 1.25 करोड़ बोरी के मुकाबले बढ़कर 1.60 करोड़ बोरी होने का अनुमान है। जबकि गुंटूर में इस समय दैनिक आवक बढ़कर 60-70 हजार बोरी की हो रही है। लेकिन आवक के मुकाबले खरीद कम होने के कारण सप्ताह में एक दिन मंडी में आवक बंद करनी पड़ती है। इसीलिए कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। हाजिर बाजार में पिछले एक सप्ताह में कीमतें करीब 300 रुपये प्रति `िंटल घट चुकी हैं। गुंटूर में तेजा `ालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5300-5700 रुपये, 334 `ालिटी की लाल मिर्च के भाव 3700-4200 रुपये, ब्याडगी `ालिटी के भाव 4700-5000 रुपये, सनम `ालिटी की लालमिर्च के भाव 4300-4400 रुपये और फटकी `ालिटी के भाव 1500-2500 रुपये प्रति `िंटल रह गए। लाल मिर्च निर्यातक फर्म अशोक एंड कंपनी के डायरक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि इस समय बांग्लादेश और श्रीलंका के आयातक तो खरीद रहे हैं लेकिन अन्य देशों से मांग नहीं निकल रही है। घरलू पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना से विदेशी आयातकों ने नए आयात सौदे कम कर दिए हैं। इसके अलावा रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने का असर भी निर्यात पर पड़ रहा है। हालांकि उन्होंने माना कि जून-जुलाई में निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल निर्यात 1.74 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.70 लाख टन का निर्यात हुआ था। गुंटूर के व्यापारी कमलैश जैन ने बताया कि कीमतों में गिरावट आने से स्टॉक बढ़ना शुरू हो गया है। किसान घटे भाव में बिकवाली कम करके स्टॉक में ज्यादा माल रख रहे हैं। वायदा बाजार में पिछले दस दिनों में लाल मिर्च की कीमतों में करीब 2.7 फीसदी का मंदा आया है।rana@businessbhaskar.net (बिज़नस भास्कर)
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