21 अप्रैल 2010
गन्ने का एफआरपी हो सकता है 140 रुपये
केंद्र सरकार अगले सीजन के लिए गन्ने का फेयर एंड रिन्यूनरटिव प्राइस (एफआरपी) दस रुपये बढ़ाकर 140 रुपये प्रति क्विंटल तय कर सकती है। मौजूदा सीजन के लिए एफआरपी 129.84 रुपये प्रति क्विंटल हैं। हालांकि गन्ने की कम पैदावार के चलते चालू सीजन में किसानों को 250 रुपये प्रति क्विंटस से भी ज्यादा मूल्य मिला। इस तरह लिहाज से गन्ने के एफआरपी में करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि नए एफआरपी तय करने का प्रस्ताव जल्द ही केबिनेट के पास भेजा जाएगा। सरकार को कृषि उपजों की मूल्य नीति पर सलाह देने वाले कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर ही यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।सरकार ने चालू सीजन से ही एफआरपी तय करने का फैसला किया और इसे लागू किया। इससे पहले वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) तय किया जाता है। चीनी मिलों को न्यूनतम इस मूल्य पर गन्ना खरीदना होता है। एफआरपी 9.5त्न न्यूनतम चीनी रिकवरी के आधार पर तय करने की व्यवस्था है। इससे ज्यादा रिकवरी होने पर 1.37 रुपये प्रति क्विंटल प्रति 0.1 फीसदी रिकवरी प्रीमियम देने की व्यवस्था है।चीनी स्टॉक नियमों में छूट संभवनई दिल्ली। केंद्र सरकार उपभोक्ता उद्योगों जैसे कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट, आइसक्रीम व कन्फेक्शनरी निर्माताओं के लिए चीनी स्टॉक करने के नियम में रियायत दे सकती है। सूत्रों के अनुसार पिछले तीन माह में चीनी के दाम 30-35त्न गिरने के बाद इसके बार में विचार किया जा सकता है। उपभोक्ता उद्योगों की चीनी खपत कुल घरलू उपभोग में करीब 60त्न रहती है। खाद्य मंत्रालय उद्योगों को 10 दिन के बजाय 15 दिन के लिए चीनी स्टॉक करने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। चीनी के दाम तेजी से बढ़ने पर पिछले अगस्त में सरकार ने उपभोक्ता उद्योगों के लिए यह नियम लागू किया था। दस क्विंटल प्रति माह से ज्यादा चीनी की खपत करने वाले उद्योगों पर यह नियम लागू होता है। (बिज़नस बह्स्कर)
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