13 अक्तूबर 2010
आम लोगों को कब मिलेगी सस्ती दाल?
नई दिल्ली बढ़ती महंगाई और खाने-पीने की चीजों की आसमान छूती कीमतों के बीच आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। उत्पादन बढ़ने और सप्लाई ज्यादा होने से दालों के थोक दामों में गिरावट शुरू हो गई है। हालांकि अभी दालों के रिटेल दामों पर इस गिरावट का ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा है। मगर उम्मीद है कि जल्द ही रिटेल मार्केट में भी दालें सस्ते दामों पर मिलने लगेंगी। थोक कारोबारियों के अनुसार इस बार महाराष्ट्र, राजस्थान और अन्य राज्यों में दालों का उत्पादन अच्छा रहा है। यहां से कुछ दालों की सप्लाई बढ़ रही है। कुछ दालों के फसल की कटाई नवंबर में शुरू हो गई। उसके बाद उन दालों की सप्लाई भी बढ़ जाएगी। अच्छी फसल होने से दालों के थोक दामों में कमी आई है। नवंबर के बाद इनमें और भी कमी आ सकती है। तब तक उत्पादन और सप्लाई को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। खाद्य और सप्लाई मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि दालों के उत्पादन के बारे में जो रिपोर्ट बनाई गई है, उसके अनुसार इस बार दालों के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 40 पर्सेंट से ज्यादा की बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह अनुमान लगभग सही साबित हो रहे हैं। अगर अनुमान पूरी तरह से साबित हुए तो दालों के दामों में काफी गिरावट आ सकती है। मगर थोक में आए गिरावट का असर रिटेल में दामों में ज्यादा क्यों नहीं दिखाई दे रहा है? इसके जवाब में अधिकारियों का कहना है कि बाजार पर नजर रखी जा रही है। उत्पादन बढ़ने की खबर बाजार में आ चुकी है। सप्लाई भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। थोक दामों में आए गिरावट का असर आंशिक रूप में बाजार में दिखाई दे रहा है, जल्द ही पूरा असर भी दिखाई देगा। दाल एंड बेसन मिलर्स असोसिएशन (दिल्ली) के प्रेजिडेंट अशोक गुप्ता का कहना है कि कई दालों के थोक दामों के साथ रिटेल दामों में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है। दालों की सप्लाई बढ़ने का जो अनुमान लगाया जा रहा है, अगर वह सही रहा तो दालों में और 10 पर्सेंट तक की गिरावट आ सकती है। मगर तस्वीर नवंबर में साफ होगी। हालांकि जो मौजूदा परिदृश्य है, उसको देखते हुए इसकी प्रबल संभावना है कि आने वाले समय में दाल महंगे नहीं होंगे, इसमें गिरावट आनी लगभग तय है। (ET Hindi)
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