28 अक्टूबर 2010
4.77 लाख टन दलहन के आयात सौदे किए
चालू वित्त वर्ष में अभी तक सार्वजनिक कंपनियों पीईसी, एमएमटीसी, एसटीसी, नेफेड और एनसीसीएफ ने कुल 4.77 लाख टन दलहन के आयात सौदे किए हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुल आयात सौदों में से 3.06 लाख टन दालें भारतीय बदरगाहों पर पहुंच गई हैं। हालांकि घरेलू बाजार में दालों के मूल्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। इस वजह से प्राइवेट आयातकों ने दलहन का आयात धीमा कर दिया है। लेकिन सार्वजनिक कंपनियां पहले ही तरह ही दालों का आयात कर रही हैं।उन्होंने बताया कि सार्वजनिक कंपनियों द्वारा कुल आयात की गई दालों में से 1.58 लाख टन दालें सार्वजनिक कंपनियां बाजार में निविदा के माध्यम से बेच चुकी हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए 2.96 लाख टन दालों के आयात सौदे किए जा चुके हैं। इसमें से 1.51 लाख टन दालें देश में आ चुकी हैं। पिछले साल पीडीएस में आवंटन के लिए कुल 2.50 लाख टन दालों का ही आयात किया था। उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों में दालों की पैदावार में 39 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के 2010-11 के आरंभिक अनुमान के अनुसार दलहन उत्पादन 43 लाख टन से बढ़कर 60 लाख टन का होने का अनुमान है। उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी और उत्पादक मंडियों में आवक बढऩे से दालों की थोक कीमतों में गिरावट बननी शुरू हो गई है। फुटकर में भी जल्दी ही कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। मुंबई के दलहन आयातक भावेन भाई ने बताया कि घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में गिरावट आने से प्राइवेट आयातकों ने आयात सौदे कम कर दिए हैं। इस समय केवल सार्वजनिक कंपनियां ही आयात कर रही हैं। म्यांमार की उड़द का भाव घटकर मुंबई में 1,000 डॉलर, लेमन अरहर का भाव घटकर 810 डॉलर, मूंग दाल का भाव घटकर 945 डॉलर और मूंग का भाव घटकर 1,080 डॉलर प्रति टन रह गया है। अकोला के दलहन व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में उड़द और मूंग की आवक बढ़ गई है। दिसंबर में नई अरहर की आवक भी शुरू हो जाएगी। इसीलिए थोक कीमतों में गिरावट बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में उड़द का भाव घटकर 3,000 रुपये मूंग का भाव 3,200 से 3,400 रुपये, अरहर का भाव घटकर 3,200 से 3,450 रुपये और मसूर का भाव 3,200 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। बात पते कीउत्पादक मंडियों में उड़द और मूंग की आवक बढ़ गई है। दिसंबर में नई अरहर की आवक भी शुरू हो जाएगी। इसीलिए थोक कीमतों में गिरावट बनी हुई है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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