शहद में एन्टीबायोटिक पाए जाने की खबरों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने कहा है कि शहद में कीटनाशक या एन्टीबायोटिक की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक गैर सरकारी संगठन सेंटर फार साइंस एन्ड एनवायर्नमेंट (सीएसई) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि देशी तथा विदेशी कई ब्रांड के शहद में बहुत अधिक मात्रा में एन्टीबायोटिक पाया गया है।
इस आशय की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (फूड सेफ्टी एन्ड स्टैंडर्ड्स अथरेरिटी) द्वारा परामर्श जारी किया गया है। सरकार ने कहा है कि मधुमक्खियों द्वारा बनाए जाने वाले प्राकृतिक उत्पाद शहद में कीटनाशकों या एन्टीबायोटिक्स की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और शहद उत्पादकों को खाद्य अपमिश्रण से बचाव के लिए निर्धारित नियम कानूनों का पालन करना होगा। कृषि एवं सहकारिता विभाग ने ग्रेडिंग और मार्किटिंग (एगमार्क) वे स्वैच्छिक हैं। इसके साथ ही भारत में शहद में एन्टीबायोटिक्स की मौजूदगी रोकने के लिए जो नियम कानून हैं वही यूरोपीय संघ तथा अमेरिका में भी हैं। ज्ञातव्य है कि सीएसई द्वारा गत 16 सितंबर को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि शहद के दस में से नौ नमूनों में एन्टीबायोटिक की मात्रा स्वीकृत स्तर के कई गुना अधिक पाई गई है। इसके अलावा दो विदेशी ब्रांड के शहद में भी इसकी मात्रा अधिक पाई गई है। (Dainik Hindustan)
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