मुंबई October 27, 2010
नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में लगभग पिछले एक महीने से गैर कृषि कमोडिटी के वायदा कारोबार में नियमित उछाल दर्ज की जा रही है। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक कच्चा तेल (लाइट स्वीट क्रूड कांट्रैक्ट), तांबा (कॉपर कैथोड) और इस्पात जैसे गैर कृषि कमोडिटी का वायदा कारोबार बहुत बढ़ गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एनसीडीईएक्स में पॉलीप्रोपिलीन, पॉलीएथिलीन और पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) जैसे उत्पादों के अनुबंध पर भी निगाह रखी जा रही है।उल्लेखनीय है कि यह एक्सचेंज कृषि कमोडिटी के कारोबार में अग्रणी रही है। बाजार के कुल कारोबार का 90 फीसदी हिस्सा इसी खंड का होता है। एनसीडीईएक्स के मुख्य बिजनेस अधिकारी विजय कुमार ने बताया, 'गैर कृषि कमोडिटी खंड में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए एक्सचेंज का यह रणनीतिक कदम है, जिनके भाव अंतरराष्टï्रीय बाजार के आधार पर चढ़ते-उतरते हैं। एनसीडीईएक्स अब कृषि कमोडिटी के कारोबार में स्थापित हो चुकी है। अब गैर कमोडिटी खंड के कारोबार में तेजी देखकर इसके सदस्य काफी उत्साहित हैं। इस खंड के कारोबार की मौलिक गतिविधियां तेज हुई हैं। इस्पात के मामले में हमने पहले ही अच्छी-खासी उपलब्धि हासिल की हुई है इसलिए एक्सचेंज अब सभी खंडों के तमाम पहलूओं पर पैनी निगाह रख रहा है।गौरतलब है कि तेल कंपनियों ने हाल ही में पेट्रोलियम मंत्रालय के तत्वावधान में पेट्रोरसायन उत्पादों के वायदा अनुबंध की ट्रेडिंग का प्रतिनिधित्व किया था। कमोडिटी बाजार नियामक फॉवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) में इस प्रस्ताव पर चर्चा भी की गई थी। बावजूद इसके सक्रिय घरेलू बाजार की कमी की वजह से यह विचार फलीभूत नहीं हो पाया। लेकिन पिछले कुछ समय से हालत सुधरने लगी है और पेट्रोरसायन बाजार का कारोबार कई गुना बढ़ गया है। मांग भी बढ़ी है क्योंकि कई घरेलू ग्राहकों को आयात करना पड़ता है। एक तेल कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, 'बेहतर मूल्य वसूली के मामले में एक्सचेंज पॉलीमर का अनुबंध शुरू करके मदद कर सकते हैं।एनसीडीईएक्स ने पहले से ही पीई, पीपी और पीवीसी के लिए हाजिर बाजार में कोट देना शुरू कर दिया है। इन तमाम उत्पादों की कीमतें वैश्विक बाजार के रुझान से तय होती हैं।बहरहाल, कच्चे तेल के वायदा अनुबंध में इस वर्ष सितंबर से तेजी शुरू हुई है। उस दौरान इस खंड का वायदा अनुबंध सामान्य स्तर 1,701-2,000 लाख रुपये से उछाल लेकर 19,659 लाख रुपये के स्तर पर जा पहुंचा। फिलहाल इसका वॉल्यूम लगभग 75,000-76,000 लाख रुपये है। नवंबर अनुबंध का ओपन इंटरेस्ट सितंबर से 12,800 (1,407 लाख रुपये) से बढ़कर 4,21,300 (73,550 लाख रुपये) के स्तर पर चला गया। (BS Hindi)
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