नई दिल्ली October 29, 2010
जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने कहा कि वह दीपावाली के बाद चीनी का वायदा कारोबार शुरू करने के बारे में चीनी उद्योगों और जिंस एक्सचेंजों से बातचीत शुरू करेगा। एफएमसी के अध्यक्ष बीसी खटुआ ने बताया, 'हम दीवाली के बाद उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और एक्सचेंज के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, उसके बाद ही इस सिलसिले में अंतिम फैसला किया जाएगा।' वायदा बाजार इस मामले में फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार ने मई-2009 में चीनी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था, ताकि बढ़ती घरेल कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके। पिछले साल फरवरी महीने में चीनी की कीमतें मुंबई में 44 रुपये प्रति किलोग्राम के अप्रत्याशित स्तर पर पहुंच गई थीं। शुरुआत में 6 महीने के लिए कारोबार रोका गया था और बाद में इसे 30 सितंबर 2010 तक बढ़ा दिया गया। अब एफएमसी वायदा कारोबार शुरू करने की अनुमति देने के लिए स्वतंत्र है। उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि आयोग इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। हालांकि वायदा कारोबार और कीमतों में बढ़ोतरी के बीच कोई खास संबंध स्थापित नहीं किया जा सका, लेकिन तमाम पार्टियां कीमतों में बढ़ोतरी के लिए इसे जिम्मेदार मानती हैं। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह थी कि मांग की तुलना में उत्पादन बहुत कम हुआ था। मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए अग्रिम स्टॉक और आयात का सहारा लेना पड़ा था। बाद में इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने उत्पादन अनुमान बढ़ाकर 190 लाख टन कर दिया, जो पहले 150 लाख टन था। इसे देखते हुए सरकार और उपभोक्ता- दोनों को राहत मिली है।बहरहाल, वायदा बाजार आयोग नजदीकी से इस सत्र में चीनी उद्योग की प्रगति पर नजर रख रहा है। उम्मीद की जा रही है कि नियामक वायदा कारोबार को शुरू करने की अनुमति दे देगा और इस तरह का पहला सौदा दिसंबर में डिलिवरी के लिए आ जाएगा। तब तक उत्पादन और उत्पादकता के सही आंकड़े आने शुरू हो जाएंगे, क्योकि शुरुआती किस्म के गन्ने की पेराई पर्याप्त मात्रा में हो जाएगी। बेहतरीन उत्पादकता और रकबा बढऩे के चलते इस साल गन्ने के उत्पादन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी रहेगी। उद्योग जगत का अनुमान है कि 2010-11 में गन्ने का कुल उत्पादन 3000 टन रहेगा। 2009-10 में गन्ने का कुल उत्पादन 2740 टन रहा था। लगातार 2 साल तक चीनी उत्पादन में कमी के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस साल देश में खपत की तुलना में चीनी का उत्पादन ज्यादा होगा। (BS Hindi)
30 अक्तूबर 2010
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