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14 अक्टूबर 2010

बजाज होल्डिंग्स ने 25 करोड़ रुपये में खरीदा एनएमसीई में 13 फीसदी हिस्सा

अहमदाबाद October 13, 2010
बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (बजाज होल्डिंग्स) ने 25 करोड़ रुपये में अहमदाबाद के 'नैशनल कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएमसीई) की 12.82 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। इस सौदे में एनएमसीई के विशेष वित्तीय सलाहकार एक्विरस कैपिटल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस निवेश से एक्सचेंज की विनियामक पूंजी जरूरत पूरी की जाएगी और साथ ही साथ इसका इस्तेमाल सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) की बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने, कारोबार विकास और मानव संसाधन विकास में किया जाएगा।इस सौदे से एनएमसीई की शेयर पूंजी 16.67 करोड़ रुपये से बढ़कर 19.12 करोड़ रुपये हो जाएगी और इसकी बैलेंस शीट में भी बेहतरी आएगी।एनएमसीई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल मिश्र ने इस निवेश सौदे के बारे में बताया, 'चूंकि इसका एक हिस्सा प्रीमियम खाते में जाएगा इसलिए हमारी शेयर पूंजी, जो निवेश से पहले 16.67 करोड़ रुपये की थी, अब तकरीबन 19.12 करोड़ रुपये की हो जाएगी, जबकि हमारा नेटवर्थ 62 करोड़ रुपये हो जाएगा। बावजूद इसके वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के नियमों के मुताबिक हमारे पास 50 करोड़ रुपये का पूंजी आधार होना चाहिए। इसलिए अब भी हमारी शेयर पूंजी 30.88 करोड़ रुपये और नेटवर्थ 38 करोड़ रुपये कम है। हमें उम्मीद है कि अगले वर्ष मार्च के अंत तक यह जरूरत पूरी कर ली जाएगी।Óगौरतलब है कि खुले बाजार में इस एक्सचेंज का मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है और निकट भविष्य में पंूजी जरूरतें पूरी करने के लिए इसके पास कई विकल्प हैं- मसलन संस्थागत निवेशक, राइट इश्यू, बोनस इश्यू या फिर एक साथ ये सभी। मिश्र का कहना है, 'हम निवेश के लिए कुछ और इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और अन्य विकल्पों पर भी हमारी नजर है।Óएनएमसीई के उपाध्यक्ष कैलाश गुप्ता ने कहा, 'भारत में एनएमसीई प्रमुख एवं सबसे अधिक संस्थागत इलेक्ट्रॉनिक कमोडिटी एक्सचेंज है। कारोबारी विकास के अगले चरण में बजाज ग्रुप जैसे शानदार व्यापार घराने के साथ साझेदारी से हमें खुशी हो रही है। हमें भरोसा है कि इस सौदे से निवेशकों के मामले में विविधता आएगी।Óबहरहाल, बजाज होल्डिंग्स के निवेश के बाद इस एक्सचेंज में नेपच्यून ओवरसीज की हिस्सेदारी 30.18 फीसदी और केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) की हिस्सेदारी 29.70 फीसदी रह गई है। इसी तरह रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी भी 10 फीसदी से घटकर 8.72 फीसदी रह गई। (BS Hindi)

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