नई दिल्ली October 06, 2010
महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं के लिए एक खुशखबरी। उन्हें अब दालों की आसमान छूती कीमतों से राहत मिल सकती है। इसकी वजह यह है कि अनुकूल मौसम के कारण चालू खरीफ सीजन में दलहन की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। खासतौर पर राजस्थान में पिछले साल के मुकाबले दलहन की पैदावार पांच गुना तक बढऩे की उम्मीद है। कारोबारियों का कहना कि 15 दिनों के दौरान ही दालों की थोक कीमतों में 10 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है और आवक बढऩे पर कीमतों में और नरमी आने की संभावना है। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के एक प्रमुख वैज्ञानिक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि चालू खरीफ सीजन में अनुकूल मॉनसून की वजह से दलहनों की बुआई में काफी इजाफा हुआ है, जिससे इस बार बंपर पैदावार हो सकती है। 30 सितंबर तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार खरीफ सीजन में करीब 1.14 करोड़ हेक्टेयर भूमि में दलहनों की बुआई हुई, यह पिछले खरीफ सत्र में 94.62 लाख हेक्टेयर से 20 फीसदी से भी अधिक है। सरकार ने रकबा बढऩे के कारण खरीफ सीजन में 60 लाख टन दलहन उत्पादन का अनुमान लगाया है। पिछले खरीफ सत्र में करीब 43 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ था।उधर, उत्पादन बढऩे की संभावना के कारण दालों की कीमतों में गिरावट आई है। दिल्ली के दाल कारोबारी अनिल गुप्ता ने बताया कि पिछले 15 दिनों के दौरान मूंग के दाम 400-500 रुपये घटकर 4600-5300 रुपये, उड़द के दाम 400 रुपये घटकर 5000-5500 रुपये और अरहर के दाम 200 रुपये घटकर 4800-5600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। गुप्ता का कहना है कि 20 अक्टूबर के बाद से इनकी आवक बढऩे के कारण कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। राजस्थान की जयपुर मंडी के दाल कारोबारी जुगल कि शोर के अनुसार उत्पादन बढऩे की उम्मीद में मंडी में भाव 500-600 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं। राजस्थान में इस बार दालों की पैदावार कई गुना बढऩे की संभावना है। राज्य में खरीफ सत्र में 24.90 लाख हेक्टेयर भूमि में दलहन की बुआई हुई है,पिछले सत्र में यह आंकड़ा 20.28 लाख हेक्टेयर था। जयपुर स्थित तृप्ति टे्रडिंग कंपनी के श्याम कुमार का कहना है कि पिछले खरीफ सत्र में सूखे की स्थिति के चलते दलहन की पैदावार में भारी गिरावट आई थी, लेकिन इस बार अच्छी बारिश होने से बंपर पैदावार होने की संभावना है। पिछले साल राज्य में महज 1.78 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ था। सरकार ने इस खरीफ सत्र में 8.40 लाख टन दलहन का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले सत्र के मुकाबले करीब 4.70 गुना अधिक है। राज्य में करीब 3.94 लाख टन मूंग और 3.21 लाख टन मोठ का उत्पादन हो सकता है। (BS Hindi)
07 अक्टूबर 2010
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