कोच्चि October 20, 2010
भारतीय टायर निर्माताओं ने 190 से 191 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर प्राकृतिक रबर की खरीदारी की है। उनको आशंका है कि आने वाले दिनों में रबर की कीमतें और बढ़ेंगी क्योंकि बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर दिख रहा है। इसके पहले जुलाई में रबर 186 से 187 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। उधर, रबर के वायदा भाव में भी तगड़ा उछाल दर्ज हुआ है। नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीएक्स) में नवंबर माह के अनुबंध के लिए रबर की कीमत बढ़कर 19,760 रुपये प्रति 100 किलो पर पहुंच गई। इस बीच, टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) ने हाजिर बाजार में प्राकृतिक रबर की कीमतों में आई भारी तेज के लिए वायदा बाजार को जिम्मेदार ठहराया है। एटीएमए का आरोप है कि वायदा बाजार में कीमतें बढऩे का असर हाजिर बाजार पर भी दिख रहा है और इसी के चलते इसमें भारी उतार-चढ़ाव भी आया है। वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को लिखे एक पत्र में एटीएमए के महानिदेशक राजीव बुद्घराज ने कहा है कि 18 अक्टूबर को वायदा बाजार में नवंबर माह के अनुबंध के लिए रबर की कीमत 186 रुपये से बढ़कर 191 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई थी। यानी दिन में यह करीब 5 रुपये तक बढ़ गया। इसी तरह 20 अक्टूबर को जनवरी माह के अनुबंध के लिए इसकी कीमत 200 रुपये प्रति किलो के स्तर को छू गई है। वायदा बाजार में प्राकृतिक रबर की कीमतों में तेज उछाल से इसका असर हाजिर बाजर में भी दिख रहा है और यहां भी इसकी कीमतों में आग लगी हुई है। स्थानीय बाजार में आरएसएस-4 ग्रेड की कीमत बढ़कर 186 रुपये प्रति किलो हो गई। इससे रबर खरीदारों की मुश्किलें बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भाव बढऩे की आशंका में ही प्राकृतिक रबर के कुल कारोबार की मात्रा बढ़कर 8,000 टन पहुंच गई है। जबकि सामान्य दिनों औसतन केवल 3,000 से 4,000 टन प्राकृतिक रबर का कारोबार होता था। ओपेन पोजिशन में इसके भाव के नीचे आने से ऐसा संकेत मिल रहा है कि इंट्रा-डे प्लेयर्स किसी बड़े सौदे की तैयारी में है। यानी रबर के वायदा भाव में सट्टेबाजों द्वारा जान-बूझ कर उतार-चढ़ाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें आशंका है कि तेजी का यह बुलबुला ट्रेडर्स द्वारा जानबूझ कर पैदा किया जा रहा है। दूसरी तरफ, ब्याज दरें बढऩे की आशंका में जापान में रबर का वायदा भाव एक सप्ताह के निम्न स्तर पर चला गया है। सामान्य तौर पर घरेलू वायदा बाजार का रुख टोकियो कमोडिटी एक्सचेंज (टोकॉम) के रुख से तय होता है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि 18 अक्टूबर को टोकॉम में रबर के वायदा भाव में करीब 4 येन की गिरावट आई इसके बावजूद घरेलू एक्सचेंज में रबर के वायदा भाव में 5 रुपये प्रति किलो की तेजी दर्ज हुई। एटीएमए ने कहा कि रबर बोर्ड ने देश में रबर का स्टॉक 2.75 लाख टन घोषित किया है, जो तर्कसंगत नहीं है। एटीएमए का कहना है कि वायदा भाव पर एफएमसी अगर तत्काल प्रतिबंध नहीं लगाता है तो कम से कम इसमें 4 फीसदी तक के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित कर इसे 1 फीसदी तक सीमित करे। (BS Hindi)
21 अक्तूबर 2010
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