मुंबई October 11, 2010
मूल धातुओं सहित सभी धातुओं की कीमतों में तेजी का दौर है। कुछ धातुएं तो सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं, वहीं कुछ मूल धातुएं 2 साल के उच्चतम स्तर पर हैं। धातुओं के दाम 2008 के उच्चतम स्तर को छूने को बेताब हैं। ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि कम अवधि के हिसाब से देखें तो कीमतों में तेजी का दौर जारी रहेगा, वहीं कुछ जानकार कीमतों में सुधार की संभावना देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह भी दे रहे हैं। सोने के दाम 1345-50 डॉलर जबकि चांदी के दाम 23.30 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गए हैं, जो 30 साल का उच्चतम स्तर है। वहीं तांबा 27 माह के उच्चतम स्तर 8320 डॉलर के उपर चल रहा है और 8965 डॉलर प्रति टन के सर्वोच्च स्तर की ओर बढऩे को बेताब है। टिन पहले ही अब तक के सर्वोच्च स्तर को पार कर चुका है और इसका कारोबार 26025 डॉलर पर हो रहा है। गुरुवार को इसकी कीमतें 26550 डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई थीं। एल्युमीनियम का कारोबार 2425 डॉलर, निकल 23705 डॉलर और जिंक 2232 डॉलर पर पर चल रहा है, जो 2 साल के पहले के सर्वोच्च स्तर से ज्यादा दूर नहीं है। आर्थिक धारणा मजबूत होने और डॉलर के कमजोर होने की वजह से मांग तेज है और कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। सीआरबी धातु सूचकांक और अन्य सभी जिंस सूचकांक 2 साल के उच्च स्तर पर हैं। हालांकि लंदन की जिंस कंपनी नैटिक्सिस कमोडिटीज ने कीमतों में तेजी को लेकर सवाल उठाए हैं। उसने कहा है कि क्या यह ताििर्कक है कि मूल धातुएं और कीमती धातुओं के बाजार में एक साथ इतनी तेजी आए? नैटिक्सिस का मानना है, 'कम अवधि के हिसाब से देखें तो उच्च कीमतों के पीछे आंतरिक तर्क हैं। ऐसा दोनों बाजारों के मामले में है। लेकिन एक समय के बाद हमें संदेह है कि एक बाजार जहां अपने को साबित करेगा, दूसरे को निराशा हाथ लगेगी। हमारी खुद की उम्मीद है कि आॢथक विकास के चलते मूल धातुओं की कीमतों को समर्थन मिलेगा। धीरे-धीरे बाजार की स्थिति सामान्य होने की वजह से कीमती धातुओं के बाजार में सुस्ती आएगी।Óआॢथक अनिश्चितता के डर के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है। वहीं धातुओं की कीमतों में तेजी की वजह अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में अपने विश्लेषण में कहा है कि मांग की वजह से जिंसों की कीमतों को समर्थन मिलेगा, क्योंकि वैश्विक आर्थिक सुधार जारी है। आईएमएफ ने यह भी कहा है कि कम अवधि के हिसाब से देखें जो जिंस बाजार की स्थिति चक्रीय रहेगी, वहीं मध्यावधि के हिसाब से कीमतों में तेजी बने रहने की उम्मीद की जा रही है। आईएमएफ के विश्लेषण में कहा गया है कि मांग में तेजी जारी रहेगी, वहीं आपूर्ति कम रहेगी। सामान्यतया मांग बढऩे और कीमतों में तेजी से आपूर्ति में सुधार होता है। साथ ही आईएमएफ का मानना है कि वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार के चलते कच्चे तेल की मांग तेज रहेगी और इसकी कीमतों में भी तेजी रहेगी। (BS Hindi)
12 अक्तूबर 2010
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