15 अक्तूबर 2010
खाद्य सुरक्षा विधेयक
टोरंटो। भारत जल्द ही दुनिया का पहल ऎसा देश बन जाएगा जहां गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को 35 किलोग्राम अनाज दिलाने के लिए खाद्य सुरक्षा पात्रता कानून पारित किया जाएगा। भारत में हरित क्रंाति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन ने यह बात कही। अल्बर्टा विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की मानद उपाधि ग्रहण करने कनाडा पहुंचे स्वामीनाथन ने कहा कि भारत उतार-चढ़ाव वाले वैश्विक बाजार पर निर्भर नहीं रह सकता। भारत को अपना उत्पादन बढ़ाना होगा। स्वामीनाथन को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए प्रशंसनीय काम करने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी जाएगी।स्वामीनाथन ने कहा, ""भारत को सर्वकालिक हरित क्रांति की जरूरत है। जैव तंत्र पर बिना कोई बुरा असर डाले उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। जमीन और जल स्त्रोत घट रहे हैं ऎसे में उत्पादन को उत्पादकता बढ़ाने के साधनों में वृद्धि के जरिए बढ़ाना होगा।"" प्रतिष्ठित "टाइम" पत्रिका द्वारा 20वीं सदी के महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सूची में शुमार किए गए स्वामीनाथन ने कहा, ""भारत प्रौद्योगिकी युग में पहुंच गया है, इंटरनेट, फोन, रिमोट सेंसिंग तकनीकों की धूम है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र और भारत का उद्योग जगत तेजी से विकास कर रहा है लेकिन देश के कृषि क्षेत्र में पर्याप्त तेजी से विकास नहीं हो रहा है।"" उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही पहला ऎसा देश बन जाएगा जहां खाद्य सुरक्षा पात्रता कानून पारित किया जाएगा। इस कानून के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले सभी परिवारों को 35 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा। इस कानून के जरिए देश के 45 प्रतिशत भारतीय दो रूपये प्रति ग्राम की दर पर गेहूं और तीन रूपये प्रति किलोग्राम की दर पर चावल प्राप्त करेंगे। (Khas khabar)
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