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08 अक्टूबर 2010

चावल उत्पादन लक्ष्य पूरा होना मुश्किल

मौजूदा खरीफ और आगामी रबी सीजन में चावल का उत्पादन तय लक्ष्य 10 करोड़ टन से घटकर 9.5 करोड़ टन ही रहने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बाढ़ तथा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सूखे का असर चावल उत्पादन पर पडऩे की आशंका है। कृषि सचिव पी.के. बसु ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि मानसून अच्छा रहने से खरीफ के साथ ही रबी में भी चावल का प्रति हैक्टेयर उत्पादन तो बढ़ेगा लेकिन बाढ़ और सूखे का असर पड़ेेगा। कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2010-11 में चावल का उत्पादन 8.04 करोड़ टन होने का अनुमान है। कृषि सचिव ने कहा कि सितंबर महीने में अच्छी बारिश हुई है इसीलिए अगले रबी में चावल के उत्पादन का लक्ष्य 1.45 करोड़ टन होने का अनुमान है। चालू खरीफ में धान का प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़कर 2,177 किलो होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2009-10 खरीफ सीजन में 2,025 किलो का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि दालों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन भी ज्यादा होगा। खरीफ में दलहन उत्पादन 43 लाख टन से बढ़कर 60 लाख टन होने का अनुमान है। साथ ही अनुकूल मौसम को देखते हुए रबी दलहन की प्रमुख फसल चने का भी बंपर उत्पादन होने की संभावना है। बसु ने बताया कि किसानों को वाजिब दाम मिले, इसीलिए खरीफ में तिलहन और दलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए नेफेड के साथ ही केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और एनसीसीएफ को अधिकृत किया गया है। उत्पादक मंडियों में इस समय दलहन और तिलहनों का भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं। सरकार दलहन और तिलहनों का उत्पादन बढऩे के लिए काम कर रही है ताकि आयात की मात्रा में कमी लाई जाए। उन्होंने बताया कि खाद और बीज की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। सितंबर में खाद के 59 रैकों की दैनिक औसत आ रही है जबकि पिछले साल सितंबर में 50 रैकों की ही थी।चालू सीजन में देश में कॉटन का उत्पादन बढ़कर 335 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) होने का अनुमान है। सरकार ने 55 लाख गांठ के निर्यात का कोटा तय किया है। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर के बाद फिर से समीक्षा की जाएगी तथा निर्यात कोटा को बढ़ाया जा सकता है। खरीफ तिलहनों में सोयाबीन के रकबे में कमी पर उन्होंने कहा कि चालू खरीफ में तिलहनों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़ेगा। इसीलिए बुवाई क्षेत्रफल में कमी के बावजूद सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होगा। (Business Bhaskar...aar as raana)

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