कोच्चि October 24, 2010
भारत में गाडिय़ों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा होने से इसका सकारात्मक प्रभाव टायर के घरेलू उत्पादन पर पड़ा है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त माह के दौरान टायर का कुल घरेलू उत्पादन लगभग 29 फीसदी बढ़ा है। इस अवधि में प्राय: सभी तरह के टायरों के उत्पादन में वृद्घि देखी गई। टायर निर्माता संघ (एटीएमए) के ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि आलोच्य अवधि के दौरान सभी बड़ी टायर कंपनियों का कुल उत्पादन बढ़कर 4,71,20,250 टायर हो गया। जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनियों ने 3,66,51,250 टायरों का उत्पादन किया था। आंकड़ों के मुताबिक उत्पादन में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी स्कूटर सेगमेंट के टायरों में 65 फीसदी रही। जबकि तीन पहिये वाली गाडिय़ों के टायरों का उत्पादन 44 फीसदी और यात्री कारों के टायरों का उत्पादन 43 फीसदी बढ़ा। टायरों के उत्पादन में वृद्घि के बाद भी इसके दामों में बढ़ोतरी दर्ज हुई। टायरों का मूल्य बढ़ाने में प्राकृतिक रबर का अहम योगदान रहा। हाल के दिनों में प्रकृतिक रबर के दामों में वृद्घि से टायर का उत्पादन खर्च बढ़ गया है। इसके अलावा गाडिय़ों की बिक्री बढऩे से टायरों की मांग में खूब इजाफा हुआ है। जिसके चलते टायर महंगे हुए हैं। भारतीय वाहन विनिर्माता संघ (सियाम) के आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 41.59 फीसदी बढ़ी। जबकि कारों की बिक्री 33.58 फीसदी और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 25.86 फीसदी का इजाफा हुआ। निश्चित रूप से गाडिय़ों की बिक्री में वृद्घि का असर इसके मूलभूत उपकरणों पर भी दिखा। खासकर टायरों के उत्पादन पर। इस साल अप्रैल-अगस्त माह के दौरान भारत में स्कूटर सेगमेंट में 74,59,185 टायरों का उत्पादन हुआ। वहीं यात्री कारों के टायरों का उत्पादन बढ़कर 1,02,91,161 इकाई पहुंच गया। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में केवल 71,72,530 टायरों का निर्माण हुआ था। एटीएमए के आंकड़ों के अनुसार ट्रक और बसों के टायरों के उत्पादन में करीब 2 फीसदी की वृद्घि दर्ज हुई और यह 61,05,900 से बढ़कर 62,46,811 टायर हो गया। इसी तरह मोटरसाइकिल के टायरों का उत्पादन भी 30 फीसदी तक बढ़ा। वर्ष 2009-10 में अप्रैल-अगस्त माह के दौरान मोटरसाइकिल के 1,33,75,130 टायरों का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल इसी अवधि में यह बढ़कर 1,74,20,421 टायर हो गया। (BS Hindi)
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