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14 अक्टूबर 2010

निर्यात मांग घटने से काली मिर्च 10प्रतिशत घटी

निर्यातकों की मांग कमजोर होने से पिछले बीस दिनों में कालीमिर्च की कीमतें 10 फीसदी घट चुकी हैं। ब्राजील में नई फसल की आवक शुरू हो गई है। ब्राजील और इंडोनेशिया की काली मिर्च के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की तुलना में करीब 400-500 डॉलर प्रति टन कम हैं। दिसंबर में घरेलू फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसीलिए कालीमिर्च की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। बाफना इंटरप्राइजेज के सीईओ जोजॉन मलयाली ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च का दाम अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा हैं। वैसे भी ब्राजील में नई फसल की आवक शुरू हो गई है। इसीलिए भारत से निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है। भारतीय कालीमिर्च एमजी-वन का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4,400-4,500 डॉलर प्रति टन है जबकि ब्राजील 4,050-4,100 डॉलर और वियतनाम 4,000-4,100 डॉलर प्रति टन (एफओबी) की दर से बिकवाली कर रहे हैं। ब्राजील में कालीमिर्च का उत्पादन 20 से 22 हजार टन होने का अनुमान है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान कालीमिर्च के निर्यात में पांच फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 7,600 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 8,000 टन का निर्यात हुआ था। कालीमिर्च के निर्यातक अनिश रावथर ने बताया कि ब्राजील में नई फसल की आवक शुरू हो गई है। दिसंबर में घरेलू फसल आ जाएगी। ऊंचे भाव की वजह से निर्यात मांग कमजोर है ही, साथ में नई फसल को देखते हुए घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी पहले की तुलना में बढ़ गई है। इसीलिए गिरावट को बल मिला है। एमजी-1 कालीमिर्च के भाव कोच्चि मंडी में घटकर 18,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केदारनाथ एंड संस के डायरेक्टर अजय अग्रवाल ने बताया कि इस समय काली मिर्च में त्यौहारी मांग बनी हुई है। दीपावली के बाद त्यौहारी मांग कम हो जाएगी, साथ ही दिसंबर में नई फसल आएगी। इसलिए घरेलू बाजार में कालीमिर्च की मौजूदा कीमतों में और भी दस-पंद्रह फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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