मुंबई October 27, 2010
भंडारण (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत एक भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) के गठन को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने से भारत के कृषि जिंस क्षेत्र के समग्र विकास की उम्मीद है। सबसे महत्वपूर्ण है कि यह दूर दराज के इलाकों में गांवों से जुड़े किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री की चिंता दूर करेगा। फसल तैयार होने पर किसानों की सबसे बड़ी चिंता उचित दाम पर उस जिंस की बिक्री की होती है।इस समय देश के दूर दराज के इलाकों के किसानों को सरकारी सहायता का फायदा नहीं मिल पाता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम न होने के चलते इन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भी फायदा नहीं मिलता है। ज्यादातर गोदाम इस समय जिला केंद्रों पर हैं, जहां दूर के इलाकों के किसान अपना माल लेकर नहीं पहुंच पाते हैं। इससे बेहतर समझकर वे स्थानीय आढ़तियों या महाजनों को अपना उत्पाद 40-45 प्रतिशत कम दाम पर बेचने को मजबूर होते हैं। लेकिन अगर डब्ल्यूडीआरए को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए तो निश्चित रूप से बिक्री का तनाव दूर हो जाएगा। फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज प्रवर्तित नैशनल बल्क हैंडलिंग कार्पोरेशन (एनबीएचसी) के प्रबंध निदेशक अनिल चौधरी ने कहा, 'डब्ल्यूडीआरए का व्यापक उद्देश्य है कि बड़े कॉर्पोरेट घराने बड़े निवेशकों के रूप में दूर-दराज के गांवों में निवेश करें। साथ ही सरकार इस सेक्टर में गोदामों पर निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है। अभी तक निवेशक स्थानीय करों व स्टॉक सीमा की समस्याओं के चलते इससे दूरी बनाए हुए हैं।'कुल निवेश में 20-25 प्रतिशत की मदद किए जाने से पर्याप्त निवेशक प्रभावित नहीं हुए, क्योंकि गोदामों में निवेश को वे दीर्घावधि कारोबार का हिस्सा मानते हैं। वे बाजार से जुड़े प्रोत्साहन चाहते थे, जिससे वे सरकारी हस्तक्षेप के बगैर काम कर सकें। इस अधिनियम को सितंबर 2007 में संसद में पेश किया गया था। डब्ल्यूआर में मोलतोल के प्रावधान के साथ इससे सुविधा बढ़ी है। अधिसूचना के मुताबिक प्राधिकार में एक चेयरमैन और दो से ज्यादा सदस्य नहीं होंगे। सरकार ने 1974 बैच के उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी दिनेश राय को प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया है। अहमदाबाद की सेंट्रल वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक वीके त्यागी ने कहा, 'यह हमारी सिफारिश थी और अंत में सरकार ने इसे मान लिया।' देश की प्रमुख भंडारण कारोबार करने वाली सीडब्ल्यूसी के क्षेत्रीय प्रबंधक त्यागी ने कहा कि डब्ल्यूआर के समर्थन के साथ कृषि उत्पादों की खरीद से ग्रामीण इलाकों में कर्ज का प्रवाह भी बढ़ेगा। इससे देश भर में कर्ज दिए जाने का एक मानक भी तय हो सकेगा। इससे कृषि जिंस कारोबार की पूरी श्रृंखला में विश्वास बढ़ेगा और जिंस प्रबंधन तंत्र बेहतर होगा। इससे बाद में जिंस वायदा एक्सचेंजों को भी फायदा होगा।एनसीडीईएक्स प्रवर्तित नैशनल कोलेटरल मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएसएल) के प्रबंध निदेशक संजय कौल ने कहा, 'यह एक सकारात्मक बदलाव है। हम ऐसा ही चाहते थे।' (BS Hindi)
28 अक्टूबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें