नई दिल्ली October 29, 2010
अधिक उत्पादन के बावजूद ग्वार के भाव में तेजी दर्ज की जा रही है। कारोबारियों का कहना है कि सटोरिये वायदा बाजार में इसके दाम बढ़ा रहे हैं, जिसका असर हाजिर भाव पर हो रहा है। भाव में तेजी की दूसरी वजह मांग बढऩा भी है, हालांकि देश में ग्वार का उत्पादन पहले लगाए गए अनुमान से कम रहने की आशंका है।पिछले 15 दिनों के दौरान राजस्थान की बीकानेर मंडी में ग्वार के भाव 150 रुपये बढ़कर 1950-2000 रुपये प्रति क्विंटल और हरियाणा की आदमपुर मंडी में इसके दाम 200 रुपये बढ़कर 2180-2200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। इस दौरान नैशनल कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में ग्वार का नवंबर वायदा 2064 रुपये से बढ़कर 2160 रुपये के स्तर पर जा पहुंचा।ग्वार के मुख्य उत्पादक राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित 'श्रीनाथ गम ऐंड केमिकल्स' के अविनाश राठी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल देश में ग्वार की बंपर पैदावार हुई है और मंडियों में नई आवक भी हो रही है, बावजूद इसके मंडियों में ग्वार और ग्वारगम की कीमतें बढ़ रही है। राठी दाम बढऩे की वजह सट्टेबाजी को मानते हैं। सटोरियों द्वारा दाम बढ़ाने की बात से 'हरियाणा ग्वारगम ऐंड केमिकल्स' के निदेशक सुरेंद्र सिंघल भी इत्तेफाक रखते हैं। सिंघल ने बताया कि देश में इस बार 9-10 लाख टन ग्वार की पैदावार होने की संभावना है, जबकि वायदा बाजार एनसीडीएक्स में पैदावार से तीन गुने सौदे हो रहे हैं। इस वजह से ही ग्वार के भाव में तेजी आई है। नई आवक के बारे में आदमपुर मंडी के ग्वार कारोबारी दिनेश गर्ग ने कहा कि मंडी में 2500 बोरी (100 किलोग्राम) की आवक हो रही है। बीकानेर के ग्वार कारोबारी मिर्चूमल का कहना है कि फिलहाल मंडी में करीब 300 बोरी नई आवक हो रही है। शुरुआत में लगाए गए अनुमान के मुताबिक ग्वार की पैदावार कम रह सकती है। सिंघल इस बारे में कहते है कि शुरुआत में 12-12.5 लाख टन ग्वार की पैदावार होने का अनुमान लगाया था, लेकिन सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ है। इस वजह से पैदावार घटकर 10 लाख टन रह जाने की आशंका है। सबसे अधिक गिरावट हरियाणा में आएगी। इस राज्य में पैदावार 3.5-4 लाख टन के बजाय 2.5-3 लाख टन रह सकती है। बहरहाल, उत्पादन बढऩे की वजह से कारोबारियों को ग्वारगम का निर्यात बढऩे की उम्मीद है। अमेरिका, यूरोप, चीन और खाड़ी देशों को ग्वार गम का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2010-11 के दौरान निर्यात बढ़कर 2.50 लाख टन से अधिक हो सकता है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) के अनुसार वर्ष 2009-10 में 2.16 लाख टन ग्वारगम का निर्यात किया गया था। (BS Hindi)
30 अक्तूबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें